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Sanyukt Rashtra Sangh (U.N.O.) “सयुक्त राष्ट्र संघ (यू . एन . ओ .)” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

सयुक्त राष्ट्र संघ (यू . एन . ओ .)

Sanyukt Rashtra Sangh (U.N.O.)

द्वितीय विश्व युद्ध में जन-धन की अपार क्षति हुई थी। विनाशकारी लीला को देख एवं सुनकर लोगों का दिल दहल उठा और सम्पूर्ण विश्व इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए चिंतित हो उठा। फलस्वरूप 1945 को 25 अप्रैल को सैनफ्रांसिस्को में पचास राष्ट्रों का एक सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में काफी विचार-विमर्श के बाद अन्ततः 14 अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। इसका केन्द्रीय कार्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में स्थित है। जिग्वेली इसके प्रथम महासचिव बनाये गये थे। अमेरिकी राष्ट्रपति रूपवल्हे, ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल एवं रूसी नेता स्टालिन ने इस विश्व संगठन को अस्तित्व में लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। भारत भी इसका एक संस्थापक सदस्य देश है एवं इसकी नीतियों का प्रबल हिमायती भी। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तो यहाँ तक कहा था- “संयुक्त राष्ट्र संघ के बिना आज की दुनिया जीवित रह सकती है, इसे मैं सोच भी नहीं सकता।” आज यह एक अति महत्त्वपूर्ण संस्था का स्वरूप ले चुका है। इसके वर्तमान सदस्य राष्ट्रों की संख्या 184 को देखकर इसके महत्त्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य सिर्फ विश्व में शान्ति और सुरक्षा की स्थापना ही नहीं अपितु सदस्य देशों का सर्वांगीण विकास भी है। इसके चार प्रमुख उद्देश्य निर्धारित किये गये हैं।

(1) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की व्यवस्था करना।

(2) विभिन्न राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बढ़ाना।

(3) राष्ट्रों की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय समस्याओं को हल करना तथा

(4) उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति तथा अन्य राष्ट्रों के अलग-अलग कार्यों में सामंजस्य लाने का प्रयास करना।

संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर (संविधान) के तृतीय अध्याय के अनुच्छेद 7 के अनुसार महासभा, सुरक्षा, परिषद्, अतिरिक्त तथा सामाजिक परिषद्, संगठन परिषद् अंतर्राष्ट्रीय न्याय और सचिवालय इसके छः प्रमुख अंग हैं। महासभा इसका प्रथम प्रमुख अंग है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य इसके सदस्य होते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट पास करता है। सुरक्षा परिषद् इसका सबसे शक्तिशाली अंग है। यह सदस्य राष्ट्रों के लिए सुरक्षा प्रहरी है। इसके पाँच स्थायी सदस्य होते हैं, जिन्हें वीटों का अधिकार प्राप्त होता है। वर्तमान में इसके पाँच स्थायी सदस्य के नाम हैं-अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन। इसके अलावा अस्थायी सदस्य भी होते हैं। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ का तीसरा महत्त्वपूर्ण अंग माना जाता है। यह सदस्य राष्ट्रों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिवेदन तैयार करता है। अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ का चौथा महत्त्वपूर्ण अंग है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ को किसी भी मामले में कानूनी मदद देता है। इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं। संरक्षण परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ का पाँचवां अंग है। संरक्षण परिषद् के अन्तर्गत लगभग सभी देश हैं। परिषद् का कार्य इन देशों की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा शैक्षणिक उन्नति करना और उन्हें स्वशासन की शिक्षा देना है। सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रशासनिक कार्यालय होता है। जिसके प्रधान को महासचिव कहते हैं। इसकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होती है। इन छः अंगों के अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रशिक्षित अभिकरणों तथा चौदह मुख्य संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम और निधियाँ भी हैं जो विकासशील देशों में आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति प्राप्त करने में इनको सहयोग देती हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का एक विशिष्ट स्थान है। आरम्भ से ही भारत इसका सदस्य रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में जब-जब भारत की आवश्यकता हुई है, भारत ने सहयोग दिया है। अन्य राष्ट्रों की भाँति भारत भी संयुक्त राष्ट्र संघ का खर्च चलाने में सहायता करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से भारत ने कृषि व खाद्य, मत्स्य उद्योग, पेयजल, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। कुल मिलाकर संयुक्त राष्ट्र संघ की नीतियों और कार्यक्रमों में भारत की पूर्ण आस्था है।

(600 शब्दों में )

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