Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Yaaddasht purani aur nayi , “याददास्त पुरानी और नई” Hindi motivational moral story of “Shyam Sunder Das” for students of Class 8, 9, 10, 12.
Yaaddasht purani aur nayi , “याददास्त पुरानी और नई” Hindi motivational moral story of “Shyam Sunder Das” for students of Class 8, 9, 10, 12.
याददास्त पुरानी और नई
Yaaddasht purani aur nayi
आचार्य श्याम सुन्दर दास जी की जयन्ती मनाई जा रही थी। नागर जी ने पुरानी यादों को दोहराते हुए कहा, “मुझे पूरी तरह याद है कि बाबू जी सवेरे छः बजे कम्पनी बाग में दातुन करते थे। “
बीच में ही बाबू भगवती चरण वर्मा तुरन्त बोल उठे, “मैं इस समय नागर जी की याददास्त का समर्थन करता हूँ। क्योंकि अभी साढ़े पाँच ही बजे हैं। नागर जी भांग का गिलास सात बजे लेते हैं। उसके बाद का मैं जिम्मेदार नहीं।”