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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mahila Suraksha” , “महिला-सुरक्षा” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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महिला–सुरक्षा Mahila Suraksha   नारी का दुखद जीवन–मैथिलीशरण गुप्त ने नारी की असहाय अवस्था पर आँसू बहाते हुए कहा था- अबला जीवन हाय! तुम्हारी यही कहानी। आँचल में है दूध, और आँखों में पानी।। सौ वर्ष पहले कही गई यह उक्ति आज भी ज्यों-की-त्यों सच है। कहने को भारत की नारी ने बहुत प्रगति की है। दीखने में वह पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। किंतु सच्चाई...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Kamkaji Nari aur Uski Samasya” , “कामकाजी नारी और उसकी समस्याएँ” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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कामकाजी नारी और उसकी समस्याएँ Kamkaji Nari aur Uski Samasya कामकाजी नारी यानि दोहरा कार्यभार–कामकाजी नारी का अर्थ है-धनोपार्जन में लगी नारी। ऐसी नारी दगने संकट झेलती है। उस पर दुगुने दायित्व होते हैं। उसे घर और बाहर-दोनों के बीच संतुलन बैठाना पड़ता है। उसे रसोई, चूल्हा-चौका, सफाई, साज-सज्जा का काम तो करना ही होता है। उसके परिवार के सदस्य यह सहन नहीं कर पाते कि वह नौकरी करके पुरुषों की...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ladka Ladki Ek Saman” , “लड़का-लड़की एक समान” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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लड़का–लड़की एक समान Ladka Ladki Ek Saman लड़का–लड़की में असमानताएँ लड़का-लड़की की समानताओं को समझने से पहले उनकी असमानताओं को समझना अनिवार्य है। उनका जन्म, खान-पान, पाचन-तंत्र, बीमारी, इलाज, मृत्यु आदि लगभग एक-समान हैं। अंतर मात्र प्रजनन-तंत्र का है। उसमें भी वे दोनों सहयोगी हैं। दोनों में से किसी के बिना सृष्टि-तंत्र नहीं चल सकता। स्वभाव में अंतर लड़का-लड़की के मन में एक-जैसे भाव होते हैं। नारी में कोमलता, भावुकता, व्यवहार-कुशलता...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Samajik Jivan mein Bhrashtachar” , “सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार Samajik Jivan mein Bhrashtachar भ्रष्टाचार का बढ़ता स्वरूप-भारत के सामाजिक जीवन में आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यहाँ का रिवाज़ है-रिश्वत लो और पकड़े जाने पर रिश्वत देकर छूट जाओ। नियम और कानून की रक्षा करने वाले सरकारी कर्मचारी सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं। केवल तीन करोड़ में देश के सांसदों को खरीदना और उनका बिकना भ्रष्टाचार का सबसे शर्मनाक दृश्य है। भ्रष्टाचार का प्रवाह ऊपर से नीचे...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Declining level of education” , “शिक्षा का गिरता स्तर” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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शिक्षा का गिरता स्तर Declining level of education शिक्षा का अर्थ–गाँधी जी कहते थे- “शिक्षा से मेरा अभिप्राय है बच्चे की संपूर्ण शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का सर्वांगीण विकास। साक्षरता न तो शिक्षा का अंत है और न आरंभ।” अरविंद लिखते हैं– “शिक्षा का कार्य आत्मा को विकसित करने में सहायता देना है।“ वर्तमान शिक्षा–दुर्भाग्य से आज की शिक्षा का स्तर बहुत गिर चुका है। आज के विद्यालय छात्रों को...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mera Adarsh Adhyapak” , “मेरा आदर्श अध्यापक” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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मेरा आदर्श अध्यापक Mera Adarsh Adhyapak निबंध संख्या:-01 मेरे आदर्श अध्यापक–बचपन से अब तक मैं अनेक अध्यापकों के संपर्क में आया हूँ। प्रायः सभी ने मुझे प्रभावित किया है। परंतु जब मैं अपने आदर्श अध्यापक की खोज करने निकलता हूँ तो मुझे श्री विजयेंद्र जैन का स्मरण हो आता है। परम स्नेही–श्री विजयेंद्र जैन की सबसे बड़ी खूबी यही थी कि वे सब विद्यार्थियों से मित्रवत स्नेह रखते थे। वे उनके...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Hindi Diwas” , ”हिंदी दिवस” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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हिंदी दिवस Hindi Diwas हिंदी दिवस–एक परिचय–भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक महत्त्व है। 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया था। उसी दिन से हिंदी भाषा के दिन फिर गए। उसका भविष्य उज्ज्वल हो गया। जो हिंदी अब तक अघोषित रूप से भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकृत थी, अब...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Loktantra me Patrakaro ka Dayitva” , “लोकतंत्र में पत्रकारों का दायित्व” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

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लोकतंत्र में पत्रकारों का दायित्व Loktantra me Patrakaro ka Dayitva  लोकतंत्र में जन–जागरण आवश्यक-लोकतंत्र का अर्थ है-लोकराज । लोकराज तभी संभव है, जबकि लोग जाग्रत हों। लोग तभी जाग्रत होते हैं, जब उनका समाज से सजीव संबंध हो। इस संबंध-सरोकार को निर्मित करने में पत्रकारों की भूमिका बहुत बड़ी है। प्रैस यानि सूचना-तंत्र को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। जिस देश में पत्रकार जागरूक होते हैं, उस देश का...
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