Home »
Posts tagged "Hindi Speech" (Page 16)
नाक नहीं जीभ Naak nahi Jeebh राम स्वामी मिश्र, स्वामी दयानन्द के विरोधी थे। उन्होंने स्वामी जी को शास्त्रार्थ करने की चुनौती दी और शर्त रखी-“जो पराजित होगा, उसकी नाक काट दी जायेगी।” यह कहकर उन्होंने वह छुरी दिखाई, जो नाक काटने के लिए अपने साथ लाए थे। स्वामी दयानन्द ने कहा, “आपकी इस शर्त में एक संशोधन करना चाहूंगा, जो पराजित होगा, उसकी जिव्हा काट ली जायेगी, क्योंकि वाद-विवाद करने...
Continue reading »
January 2, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गाली का ज़वाब Gali Ka Jawab एक दिन स्वामी दयानन्द वाराणसी में गंगा-स्नान करने के बाद सीढ़ियां चढ़ रहे थे। सामने से एक आदमी आया। वह स्वामी जी के विचारों को नहीं मानता था। वह उन्हें गालियां देने लगा। स्वामी जी मुस्कुराते हुए सीढ़ियाँ चढ़ते रहे। इतने में एक भक्त ने स्वामी जी से कहा-“यह आदमी आपको बहुत देर से गालियाँ दे रहा है। आप क्यों सुनते जा रहे हैं? आप...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
धातु का स्पर्श Dhantu Ka Sparsh एक दिन स्वामी दयानन्द थालो में भोजन कर रहे थे, तभी एक संन्यासी ने छिपे व्यंग्य के स्वर में स्वामी जी से कहा, ‘महाराज धातुओं का स्पर्श संन्यासियों के लिए वर्जित है, आप थाली में भोजन कर रहे हैं ?’ स्वामी जी चुपचाप भोजन करते रहे। भोजनोपरांत उन्होंने सहज-सरल भाव से कहा, “यह सिर तो सम्भवत आपने जूते से मुंड़वाया होगा? धातु का स्पर्श कैसा...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
इसमें ही हमारा भला है Isme hi hamara bhala hai पूना में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के उपदेशों को सुनकर काफी लोग भक्त बन गये। स्वामी जी के बढ़ते प्रभाव को देखकर कुछ लोगों ने उनकी निन्दा शुरू कर दी। एक दिन भक्तों ने स्वामी जी से शिकायत की कि आपके विरोधी आप को गालियाँ देते हैं। “अच्छा है मुझे गालियां देने से विरोधियों का पेट खाली हो जायेगा, फिर अच्छा...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वाधीनता ही सुरक्षा Swadhinta Hi Suraksha जनवरी 1873 की बात है। तत्कालीन वायसराय लार्ड नाथ ब्रुक ने आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती को विशेष बातचीत के लिए कलकत्ता आमंत्रित किया। जब स्वामी जी वहां पहुंचे तो वायसराय ने कहा-“आपके अन्ध-विश्वास विरोधी व्याख्यानों को सुनकर काफी प्रसन्नता होती है। यदि आपको कट्टरपंथी लोगों से कोई खतरा दिखाई देता हो तो स्पष्ट कहिए। शासन आपकी सुरक्षा की व्यवस्था कर सकता है।”...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ऊपर बैठना Upar Baithna आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने बुद्धि, बल और वैदिक ज्ञान से अपने समय के कई पंडितों और विद्वानों को शास्त्रार्थ में पराजित कर दिया था। स्वामी जी वेदों के पंडित होने के साथ ही विनोदप्रिय भी थे। उनके विनोद अशिष्ट न होकर शिक्षाप्रद होते थे। एक बार अलीगढ़ में एक पंडित शास्त्रार्थ के लिए आया किन्तु वह स्वामी जी से ऊँचे चबूतरे पर...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पादुका पुराण Paduka Puraan बंग्ला के प्रसिद्ध उपन्यासकार शरत चन्द्र किसी साहित्यिक समारोह में जा रहे थे। कहीं जूते चोरी न हो जायें, इस डर से उन्होंने द्वार पर आते ही अखबार में जूते लपेटकर बगल में दबा लिये। इस विषय की जानकारी किसी प्रकार रवीन्द्रनाथ ठाकुर को हो गई। शरत् बाबू जैसे ही मंच पर आये कि रवि बाबू ने पूछा, “बगल में क्या दबा रखा है ?” “एक बहुमूल्य...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नाम-कथा Naam-Nath यशस्वी बंग्ला कथाकार सुकुमार ने प्रसिद्ध हिन्दी कवि विरेन्द्र मिश्र को छेड़ते हुए कहा, “प्राचीन काल में जो वेद पढ़ने वाले ब्राह्मण थे, उन्हें वेदी कहा गया। जैसे द्विवेदी, त्रिवेदी, चतुर्वेदी इत्यादि। जो पढ़ाते थे वे उपाध्याय, जो न पढ़ते थे और न पढ़ाते थे वे मिश्र कहलाए अर्थात् मिला-जुला कर काम चलाते थे। विरेन्द्र मिश्र भी कहाँ चूकने वाले थे, उन्होंने चटर्जी महाशय को जवाब दिया, “पहले ब्राह्मण...
Continue reading »
December 31, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Page 16 of 59« Prev
1
…
13
14
15
16
17
18
19
…
59
Next »