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Hindi Essay, Moral Story “Garib ki Joru, Sabki Bhabhi” “गरीब की जोरू, सबकी भाभी” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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गरीब की जोरू, सबकी भाभी Garib ki Joru, Sabki Bhabhi एक मोहल्ले में एक गरीब परिवार था। उस मोहल्ले में कुछ अमीर थे और ऐसे परिवार अधिक थे जो न अमीर थे और न गरीब थे। गरीब परिवार का दीनू सबको राम-राम करता था। वह सब लोगों के काम भी आता रहता था। उस मोहल्ले में विभिन्न समाज और बिरादरी के लोग थे। दीनू के पड़ोस में एक परिवार ठाकुर का...
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Hindi Essay, Moral Story “Ek to Karela, Dusra Neem Chadha” “एक तो करेला, दूसरा नीम चढ़ा” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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एक तो करेला, दूसरा नीम चढ़ा Ek to Karela, Dusra Neem Chadha   एक व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी थी। वैद्य का कहना था कि करेले की सब्जी और करेले का रस मधुमेह के रोगी के लिए बहुत लाभदायक होता है। वैद्य ने उससे करेला खाने के लिए कहा तो बिदक गया। करेले से ही नहीं बल्कि हर कड़वी चीज से उसे एक तरह से नफरत थी। यहां तक कि यदि...
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Hindi Essay, Moral Story “Naach Na Jane, Aangan Tedha” “नाच न जाने, आँगन टेढ़ा” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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नाच न जाने, आँगन टेढ़ा Naach Na Jane, Aangan Tedha लड़के की शादी थी। दो दिन बाद बरात जानी थी। दो दिन से शाम को गीत और नाच नियमित हो रहे थे। आज तीसरा दिन था। रिश्तेदार, घर-कुनबा और आस-पड़ोस की महिलाएं गीत में शामिल थीं। कुनबे की एक बुआ थी। सुंदर भी थी और कपड़े भी अच्छे पहने थी। जब कोई नाचता था तो वह कुछ-न-कुछ बोल देती थी। कभी...
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Hindi Essay, Moral Story “Laalach Buri Bala Hai” “लालच बुरी बला है” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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लालच बुरी बला है Laalach Buri Bala Hai   एक शहर में एक सुनार था। उसकी दुकान बहुत प्रसिद्ध थी। वह अपनी दुकान पर नए-नए डिजाइनों में सोने-चांदी के गहने बनाता था और बेचता था। कुछ लोग अपने पुराने गहने लाते थे और कुछ पैसे देकर नए गहने बनवा ले जाते थे। उसकी नाप-तौल बिल्कुल ठीक होती थी। ईमानदारी में उसका नाम था। अपनी मेहनत की मजदूरी ठीक-ठीक लेता था। सोने...
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Hindi Essay, Moral Story “Bagal me ladka, shahar me dhindhora” “बगल में लड़का, शहर में ढिंढोरा” Story on Hindi Kahavat for Students

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बगल में लड़का, शहर में ढिंढोरा Bagal me ladka, shahar me dhindhora सदी का मौसम था। आंगन में तीन महिलाएं बैठी थीं। एक महिला लाल मिर्च के डंठल तोड़ रही थी और दो महिलाएं उसके साथ बातें कर रही थीं। मिर्च के डंठल तोड़ने वाली महिला अचानक कहने लगी, “अरी बहना, अभी-अभी मेरा लड़का यहीं खेल रहा था। वह देखो, बस्ता भी यहीं पड़ा है। मालूम नहीं कहां गया?” यह कहते...
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Hindi Essay, Moral Story “Thotha Chana, Baje Ghana” “थोथा चना, बाजे घना” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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थोथा चना, बाजे घना Thotha Chana, Baje Ghana अकबर बादशाह अधिकतर बीरबल के साथ यमुना नदी के किनारे टहलने जाया करते थे। नदी के किनारे खेतों में किसानों को काम करते देखते रहते थे। एक बार नदी के किनारे टहलते हुए अकबर बादशाह बीरबल से बोले, “बीरबल, सुना है फसल बहुत अच्छी हुई है। चलो आज खेतों में चलते हैं।” बीरबल बोले, “आपकी जैसी इच्छा।” चने की फसल पकी हुई खड़ी...
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Hindi Essay, Moral Story “Dhobi ka kutta, ghar ka na ghat ka ” “धोबी का कुत्ता, घर का न घाट का” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

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धोबी का कुत्ता, घर का न घाट का Dhobi ka kutta, ghar ka na ghat ka    एक धोबी परिवार था। उसमें पति-पत्नी और दो छोटे बच्चे थे। जब धोबी गधों पर कपड़े लादकर घाट पर जाता, तो साथ बच्चों को भी ले जाता और दरवाजे पर ताला लगा जाता। धोबी का कुत्ता कभी घर पर रह जाता था और कभी धोबी के साथ चला जाता था। धोबी परिवार सहित अच्छी...
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Hindi Essay, Moral Story “Ab pachtaye hot kya, jab chidiya chug gai khet” “अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई खेत” Story on Hindi Kahavat

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अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई खेत Ab pachtaye hot kya, jab chidiya chug gai khet एक किसान परिवार था। थोड़ी खेती थी। किसानिन बहुत मेहनतिन थी। किसान बहुत आलसी था। जैसे-तैसे किसानिन ने कह-सुनकर किसान से खेत जुतवा लिए थे। जब खेत में फसल के अंकुर फूटे और खेत में से छांट-छांटकर घास काटने का समय आया, तो किसान नदारद रहने लगा। वह गांव के कुछ निकम्मे लोगों...
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