Home » Posts tagged "Hindi Proverb Story" (Page 12)

Budha ki Karuna, “बुद्ध की करुणा” Hindi motivational moral story of “Mahatma Budha” for students of Class 8, 9, 10, 12.

Hindi-Proverb-stories
बुद्ध की करुणा Budha ki Karuna महात्मा बुद्ध एक बार भिक्षा के लिए निकले तो एक युवती ने उनको आमंत्रित किया, “आइए महाराज, भिक्षा में मैं आपको क्या दूँ ? मैं तो अपने आपको ही समर्पित करना चाहती हूँ, आप मेरे स्वामी और मैं आपकी दासी हूँ ?” बुद्ध बोले, “मुझे तुम्हारी बात स्वीकार्य है, लेकिन आज मैं जल्दी में हूँ। यह रसीला फल है, इसको संभालकर रखना। मैं आकर इसे...
Continue reading »

Chirsthayi Shakti, “चिरस्थायी शक्ति” Hindi motivational moral story of “Mahatma Budha” for students of Class 8, 9, 10, 12.

Hindi-Proverb-stories
चिरस्थायी शक्ति Chirsthayi Shakti महात्मा बुद्ध आस्वान राज्य के किसी नगर से गुजर रहे थे। वह स्थान उनके विरोधियों का गढ़ था। जब विरोधियों को बुद्ध के नगर में होने का पता चला तो उन्होंने एक चाल चली। एक कुलटा स्त्री के पेट पर बहुत सा कपड़ा बांधकर भेजा गया। वह स्त्री, जहाँ बुद्ध थे, वहाँ पहुँची और जोर-जोर से चिल्लाकर कहने लगी- “देखो, यह पाप इसी महात्मा का है। यहाँ...
Continue reading »

Saccha Dharam, “सच्चा धर्म” Hindi motivational moral story of “Ravan and Angad” for students of Class 8, 9, 10, 12.

Hindi-Proverb-stories
सच्चा धर्म Saccha Dharam रावण ने एक और कूटनीतिक चाल फेंकी। बोला- “अंगद ! जिस राम ने तेरे ही पिता को मारा, तू उन्हीं की सहायता कर रहा है, मेरे मित्र का पुत्र होकर भी मुझसे बैर कर रहा है।” अंगद हँसा और बोला- “रावण! अन्यायी से लड़ना और उसे मारना ही सच्चा धर्म है, चाहे वह मेरे पिता हों अथवा आप ही क्यों न हों।” अंगद के ये तेजस्वी शब्द...
Continue reading »

Shanka Samadhan, “शंका समाधान” Hindi motivational moral story of “Rishi Janak” for students of Class 8, 9, 10, 12.

Hindi-Proverb-stories
शंका समाधान Shanka Samadhan ऋषि जनक के आध्यात्मिक उपदेश से सभासदगण प्रभावित हुए। सभी ने धर्म व उनके धार्मिक जीवन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इतने में एक सभासद बोले, “राजन! धर्म में आपकी आस्था अनुकरणीय है। चाहता तो मैं भी बहुत हूँ, लेकिन गृहस्थी ने कुछ इस तरह से बाँध रखा है कि धर्म कार्य के लिए समय ही नहीं निकल पाता है।” यह सुन कर दो-चार अन्य सभासदों ने भी...
Continue reading »

Hindi Essay, Moral Story “Gobar Badhsah ka Kamal hai” “गोबार बादशाह का कमाल है” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

Hindi-Proverb-stories
गोबार बादशाह का कमाल है Gobar Badhsah ka Kamal hai एक महिला थी। उसकी गोदी का लड़का कई दिनों से बीमार चला आ रहा था। कई वैद्यों की दवाइयां खिला चुकी थी। जिसने जो वैद्य बताया, उधर ही लड़के को लेकर दौड़ती। कोई दवा काम नहीं कर रही थी। जो भी जान-पहचान का मिलता, तो यही पूछता था, “अभी ठीक नहीं हुआ तुम्हारा लड़का?” वह उसको सीधा-सीधा जवाब देती, “किसी की...
Continue reading »

Hindi Essay, Moral Story “Ninyanave ka pher” “निन्यानवे का फेर” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

Hindi-Proverb-stories
निन्यानवे का फेर Ninyanave ka pher  एक बनिया और बढ़ई दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी थे। बनिया नगर का जाना-माना सेठ था। उसका लाखों का कारोबार फैला हुआ था। सेठ की कई एकड़ जमीन में खेती होती थी। गेहूं, सरसों और घी के गल्लामंडी में गोदाम थे। बहुत-से नौकर-चाकर थे। ब्याज का पैसा आता था सो अलग। लाला रात-दिन पैसे जोड़ने में लगा रहता। एक-एक धेले का हिसाब रखता था। उसे कोई...
Continue reading »

Hindi Essay, Moral Story “Jaan bachi, lakho paye” “जान बची, लाखों पाए” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

Hindi-Proverb-stories
जान बची, लाखों पाए Jaan bachi, lakho paye एक रियासत में एक नाई और एक पंडित बहुत चालाक और मक्कार किस्म के थे। इनकी मक्कारी से वहां का राजा भी परेशान था। उनसे छुटकारा पाने के लिए राजा ने एक उपाय सोचा। राजा ने नाई और पंडित से अपनी लड़की के लिए एक रियासत में राजकुमार को देखने के लिए कहा। उस रियासत तक पहुंचने के लिए जंगल से होकर रास्ता...
Continue reading »

Hindi Essay, Moral Story “Ek se badhkar ek” “एक से बढ़कर एक” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

Hindi-Proverb-stories
एक से बढ़कर एक Ek se badhkar ek एक था सुनार और एक था अहीर। दोनों के चोरों और ठगों से संबंध थे। चोरी और लूट का सामान खरीदने और बिकवाने में इन दोनों का हाथ रहता था। कुछ दिनों बाद इन दोनों में मित्रता हो गई थी। कभी-कभार एक-दूसरे के यहां आते-जाते, तो मेहमानों जैसी खातिरदारी होती। चोरों का माल न आने से दोनों का काम ठप्प-सा हो गया था।...
Continue reading »