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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Nashile Padarth”, “नशीले पदार्थ Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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नशीले पदार्थ : जीवन के लिए घातक Nashile Padarth   प्रस्तावना : मानव-जीवन बड़ा ही अमूल्य एवं कठिनता से प्राप्त हुआ माना जाता है। किसी भी प्रकार की बेकार की किल्लतों में पड़ कर इस समय ही इसका नाश-बल्कि सर्वनाश कर लेना बुद्धिमानी तो है नहीं, अन्य किसी भी प्रकार से उचित एवं ! लाभप्रद भी नहीं कहा जा सकता। होता क्या है, कई बार मनुष्य मात्र स्वाद के चक्कर में...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bharatiya Sanskriti aur Sabhyata ”, “भारतीय संस्कृति और सभ्यता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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भारतीय संस्कृति और सभ्यता Bharatiya Sanskriti aur Sabhyata  प्रस्तावना : मानव-जीवन अनन्त, असीम और अपार है। इस आर-पार बसी धरती पर बसे छोटे-बड़े भू-भागों यानि देशों में अनन्त लोग निवास करते हैं। उन सभी के अपने-अपने रंग-रूप,खान-पान, रहन-सहन, उत्सव-त्योहार, रीति-रिवाज और परम्पराएँ वेश-भूषा ‘आदि तो हैं ही, अपनी-अपनी सभी प्रकार की विशेषताएँ और महत्त्व भी हैं। सामान्यतया भारत नामक भू-भाग और इस पर रहने वाले लोग उसी अनन्त-अपार का एक हिस्सा...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vinashkari Bhukamp”, “विनाशकारी भूकम्प” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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विनाशकारी भूकम्प Vinashkari Bhukamp प्रस्तावना : प्रकृति की महिमा अनन्त है। उसमें एक ओर तो जीवन देने, उसका पालन-पोषण करने की असीम शक्ति छुपी हुई है, तो दूसरी ओर पलक झपकते ही सब कछ। तहस-नहस कर देने की अपार क्षमता भी विद्यमान है। आज का ज्ञान-विज्ञान प्रकृति के सभी तरह के रूपों-रहस्यों को जान एवं सुलझा लेने का दावा अवश्य करता है; पर उस की महती सत्ता और शक्ति के सामने...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bharat me Harit Kranti”, “भारत में हरित क्रान्ति” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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भारत में हरित क्रान्ति Bharat me Harit Kranti प्रस्तावना : क्रान्ति का अर्थ होता है उथल-पुथल होना, परिवर्तन होना या बदलाव आना । विषम जड़ पड़ चुके जीवन में विशेष प्रकार की हलचल लाकर या फिर योजनाबद्ध रूप से कार्य कर केस्थितियों के अनुकूल और आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन लाना ही वास्तव में क्रान्ति करना या होना कहा जाता है। विश्व में और भारत में भी समय-समय पर कई तरह की...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Van Sanrakshan ki Avyashakta”, “वन-संरक्षण की आवश्यकता” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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वन-संरक्षण की आवश्यकता Van Sanrakshan ki Avyashakta प्रस्तावना : अनादि मानव-सभ्यता संस्कृति का उद्भव और विकास वन्य प्रदेशों में ही हुआ था, इस तथ्य से सभी जन भली-भाँति परिचित हैं। वेदों जैसा प्राचीनतम् उपलब्ध साहित्य सघन वनों में स्थापित आश्रमों में ही रचा गया, यह भी एक सर्वज्ञात तथ्य है। वन प्रकृति का सजीव साकार स्वरूप प्रकट करते हैं, मानव-जीवन का भी आदि स्रोत एवं मूल हैं; उसके पालन-पोषण के उपयोगी...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Ped Paudhe aur Paryavaran”, “पेड़-पौधे और पर्यावरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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पेड़-पौधे और पर्यावरण Ped Paudhe aur Paryavaran प्रस्तावना : मनष्य जिस भभाग पर रहता है, स्वभावत: वहाँ के प्रत्येक जड़-चेतन प्राणी एवं पदार्थ के साथ उसका एक प्रकार का आन्तरिक सम्बन्ध जुड़ जाया करता है। प्राकृतिक पर्यावरण या उससे सम्बन्ध रखने वाले तत्त्व हैं, वे तो स्वभावतः प्राकृतिक के नियम से उसकी रक्षा किया ही करते हैं, रक्षा पाने वाला व्यक्ति भी अपने अन्तर्मन से चाहने लगता है कि वे सब...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Badhti Sabhyata Sikudte Van”, “बढ़ती सभ्यता : सिकुड़ते वन” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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बढ़ती सभ्यता : सिकुड़ते वन Badhti Sabhyata Sikudte Van   प्रस्तावना : सभ्यता या सभ्य होने कहलाने का अर्थ आज बाहरी दिखावा प्रदर्शन करना, आवश्यकताओं का अनावश्यक विस्तार और तरह-तरह की वस्तुओं का अनावश्यक रूप से संग्रह ही बन कर रह गया है। इसके लिए चाहे वास्तविक सभ्यता, सृष्टि और उस सबके आधारभूत तत्त्वों का सर्वनाश ही क्यों न हो रहा हो, इस बात की न तो किसी को चिन्ता है...
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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Ganga ka Pradushan”, “गंगा का प्रदूषण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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गंगा का प्रदूषण Ganga ka Pradushan प्रस्तावना : “गंगा हिमालय से निकली है। हिमालय भारत की उत्तरी सीमा का प्रहरी है। गंगा जल बड़ा ही पवित्र, पापहारक माना जाता है।” इस प्रकार के वाक्य हम बचपन से ही सुनने और पढ़ने लगते हैं। भारतीय जन-मानस – में गंगा का स्थान देवी और माता के समान संस्कार रूप से बसा हुआ है। माना और कहा जाता है कि गंगा-स्नान और गंगा जलपान...
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