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Posts tagged "Hindi essays" (Page 241)
संतोष का महत्व तृष्णा का दुःख – महात्मा गाँधी लिखते हैं – “यह वसुंधरा अपने सारे पुत्रों को धन-धन्य दे सकती है, किंतु ‘एक’ भी व्यक्ति की तृष्णा को पूरा नहीं कर सकती |” यह पंक्ति अत्यंत मार्मिक है | इसे पढ़कर यह रहस्य उद्घाटिल होता है कि मनुष्य का असंतोष उसकी समस्याओंका मूल है | उसकी प्यास कभी शांत नहीं होती | दुःख का कारण – वासनाएँ –...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में संतोष मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति : मन – मानव की सबसे बड़ी शक्ति ‘मन’ है | मनुष्य के पास मन है, इसलिए वह मनुष है, मनुज है, मानव है | मानसिक बाले पर ही मनुष ने आज तक की यह सभ्यता विकसित की है | मन मनुष्य को सदा किसी-न-किसी कर्म में रत रखता है | मन के दो पक्ष : आशा-निराशा – धुप-छाँव के समान...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पराधीनता Paradhinta निबंध नंबर : 01 पराधीनता का आशय – पराधीनता का आशय है – दुसरे के अधीन | अधीनता बहुत बड़ा दुःख है | हर आदमी स्वतंत्र रहना चाहता है | यहाँ तक कि सोने के पिंजरे में बंद पक्षी भी राजमहल के सुखों और स्वादिष्ट भोगों को छोड़कर खुले आकाश में उड़ जाना चाहता है | स्वतंत्रता : जन्मसिद्ध अधिकार – प्रत्येक बच्चा सवतंत्र पैदा होता है...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मित्रता अथवा मित्रता बड़ा अनमोल रत्न Best 5 Essays on “Mitrata” निबंध नंबर – 01 जीवन की सरलता के लिए मित्र की आवश्यकता – ‘मित्रता’ का तात्पर्य है – किसी के दुःख-सुख का सच्चा साथी होना | सच्चे मित्रों में कोई दुराव-छिपाव नहीं होता | वे निश्छल भाव से अपना सुख-दुख दुसरे को कह सकते हैं | उनमें आपसी विश्वास होता है | विश्वास के कारण ही वे अपना ह्रदय...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages11 Comments
परोपकार Paropkar Best 7 Hindi Essay on “Paropkar” निबंध नंबर : 01 परोपकार का महत्व – परोपकार अर्थात् दूसरों के काम आना इस सृष्टि के लिए अनिवार्य है | वृक्ष अपने लिए नहीं, औरों के लियेफल धारण करते हैं | नदियाँ भी पाना जल स्वयं नहीं पीतीं | परोपकारी मनुष्य संपति का संचय भी औरों के कल्याण के लिए करते हैं | साडी प्रकुर्ती निस्वार्थ समपर्ण का संदेश देती...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages6 Comments
समय का सदुपयोग Samay Ka Sadupyog निबंध नंबर : 01 समय जीवन है – फैंकलिन का प्रशिद्ध कथन है –‘वकत को बरबाद न करो कियोंकि जीवन इसी से बना है |’ समय ही जीवन है | जीवन क्या है – जीने का कुछ वक्त | मृत्यु के बाद तो समय का कोई अर्थ नहीं रह जाता | अतः समय सबसे मूल्यवान है | समय का सदुपयोग – समय...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
श्रम का महत्व Shram ka Mahatva निबंध नंबर : 01 संसार में आज जो भी ज्ञान-विज्ञान की उन्नति और विकास है, उसका कारण है परिश्रम – मनुष्य परिश्रम के सहारे ही जंगली अवस्था से वर्तमान विकसित अवस्था तक पहुँचा है | उसके श्रम से खेती की | अन्न उपजाया | वस्त्र बनाए | घर, मकान, भवन, बाँध, पुल, सड़कें बनाई | पहाड़ों की छाती चीरकर सड़कें बनाने, समुद्र के भीतर सुरंगें...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चरित्र-बल चरित्र एक महाशक्ति – बर्टल लिखते हैं – ‘चरित्र एक एसा हीरा है, जो हर किसी पत्थर को घिस सकता है |’ चरित्र केवल शक्ति ही नहीं, सब शक्तियों पर छा जाने वाली महाशक्ति है | जिसके पास चरित्र रूपी धन होता है, उसके सामने संसार-भर की विभूतियाँ, संपतियाँ और सुख-सुविधाएँ घुटने टेक देती हैं | चरित्र पर सर्वस्व सम्पूर्ण – राणा के चरित्र पर भामाशाह का धन...
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June 27, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments