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Posts tagged "Hindi essays" (Page 214)
वही मनुष्य है कि जो.. राष्ट्र और मानवतावादी कवि स्वर्गीय राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की एक प्रसिद्ध कविता की पंक्ति है यह सूक्ति, जो इस प्रकार है : ‘वही मनुष्य है कि जो मनुश्य के लिए मरे।’ अर्थात मनुष्यता की भलाई के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर देने वाले को ही सच्चा मनुष्य कहा जा सकता है। कितनी महत्वपूर्ण बात कही है महाकवि ने अपनी इस सूक्ति में! अपने लिए तो...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पराधी सपनेहुं सुख नाहीं Paradhi Supnehu Sukh Nahi निबंध नंबर :- 01 कुछ कवियों की जो अनेक प्रचलित सूक्तियां लोक प्रचलित हैं, उनमें से यह एक महत्वपूर्ण, प्रेरणादायक सूक्ति है। यह कहावत या सूक्ति महाकवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा अपने महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ के किसी प्रसंग में कही गई है। इसका सीधा सरल अर्थ है कि जो व्यक्ति किसी भी स्तर पर, किसी भी रूप में पराधीन अर्थात गुलाम होता है, वह...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अपना हाथ जगन्नाथ Apna Haath Jagannath Best 3 Hindi Essay on “Apna Haath Jagannath” निबन्ध नंबर:- 01 यह एक बड़ी प्रसिद्ध और भावपूर्ण कहावत है-अपना हाथ जगन्नाथ-अर्थात व्यक्ति का अपना हाथ जगत के पालन करने वाले सर्वशक्तिमान भगवान के समान हुआ करता है। इसका अर्थ हुआ कि व्यक्ति जिस प्रकार भगवान पर भरोसा करता है, उसी प्रकार उसे अपने हाथ पर भी विश्वास करना चाहिए। दूसरे शब्दों में जैसे भगवान पर...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परमाणु अप्रसार संधि और भारत Parmanu Aprasar Sandhi aur Bharat ज्ञान-विज्ञान प्रगति और अनवरत विकास की राह पर चलते हुए आज परमाणु-युग में पहुंच चुका है। परमाणु प्रकृति का अत्यंत सूक्ष्म तत्व तो है ही, बड़ा शक्तिशाली तत्व भी है। परमाणुओं के संगठन से ही संसार की सभी वस्तुओं की रचना और निर्माण हुआ है, ऐसा वैज्ञानिकों और शास्त्रों का स्पष्ट मानना है। परमाणुओं में विद्यमान शक्ति का विकास और...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बिजली : आधुनिक जीवन की रीढ़ Bijli : Adhunik Jeevan ki Ridh आज बिजली के अभाव में एक पल भी बिता पाना कष्टकर हो जाया करता है। बिजली! हाय बिजली! एक क्षण के लिए भी यदि कहीं बिजली गुल हो जाती है, तो चारों तरफ हाय-तोबा मच जाती है। लगता है, जैसे तेज गति से भाग रही गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाने से वह एक झटके के साथ रुक गई...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
निरस्त्रीकरण Nirastrikaran शस्त्रास्त्रों की दौड़ और उसके फलस्वरूप होने वाले युद्धों से मुक्त समाज का निर्माण ही निरस्त्रीकरण का मूल लक्ष्य है। निरस्त्रीकरण का सामान्य और व्यावहारिक अर्थ है, आज जो भयानकटतम मारक शस्त्रास्त्र बन रहे हैं, उनका निर्माण रोकना और विनाशक युद्धों का भय टालना। इसके सथ यह बात भी जुड़ी हुई है कि आज तक जिते भी आणविक शस्त्रास्त्र बन चुके हैं, सभी निर्माता राष्ट्र एक साथ मिलकर उन्हें...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
युद्ध के लाभ और हानियां Yudh ke Labh aur Haniya युद्ध और लाभ! नहीं, युद्ध का तो नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। युद्ध मूल रूप से कोई अच्दी बात नहीं है। यों स्वभाव से भी मनुष्य शांतिप्रिय प्राणी है और युद्धों से बचा ही रहना चाहता है, फिर भी कई बार उसे युद्ध करने की विवशता ढोनी ही पड़ती है। हानि उठाकर भी तब उसका प्रयोजन राष्ट्रीय...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान और युद्ध Vigyan Aur Yudh विज्ञान और युद्ध यानी दो विपरीत धु्रव, फिर भी आज एक-दूसरे का पर्याय बनते जा रहे हैं। युद्ध! अपने-आप में ही एक बहुत बड़ी विभीषिका, मृत्यु एंव सर्वनाश को दिया जाने वाला निमंत्रण हुआ करता है यह युद्ध। फिर भी सदियों से, शायद उसी दिन से कि जब तनधारी जीवों ने धरती पर पदार्पण किया होगा, ये युद्ध लड़े जा रहे हैं। युद्ध लड़े...
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July 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment