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Posts tagged "Hindi essays" (Page 186)
इंटरनेट Internet निबंध # 01 इंटरनेट जनसंचार माध्यान का सबसे नया लेकिन तेजी से लोकप्रिय हो रहा माध्याम है। यह एक ऐसा माध्यान जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा यहाँ तक कि पुस्तकालय के सारे गुण मौजूद है। इसकी पहुँच दुनिया के कोने-कोने तक है और इसकी रफ्तार का कोई जवाब नहीं है। इसमें सारे माध्यमों का समागम है। इंटरनेट पर आप दुनिया के किसी भी कोने से छपने...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परिश्रम ही सफलता की कुंजी है Parishram hi Safalta ki Kunji Hai परिश्रम ही सफलता की कुंजी है अर्थात् सफलता प्राति के लिये व्यक्ति का परिश्रमी होना आवश्यक है। परिश्रम शब्द में जीवन का सारभूत तत्व निहित है एक परिश्रमी व्यक्ति अपने जीवन में एक न एक दिन अवश्य सफलता प्राप्त कर लेता है आज विश्व में बड़े-बड़े नगर, सुन्दर तथा उँची इमारतें, कल-कारखाने, रेल, मोटर, वायुयान, जलयान इतियादि...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
T-20 क्रिकेट का रोमांच T-20 Cricket ka Romanch भारत 2007 में किक्रेट का विश्व कप जीतने में सफल रहा है। इससे भारत ने किक्रेट जगत में अपनी शाख जमाने में सफलता प्राप्त की है। विश्व कप जीतने पर पूरे देश में खुशियाँ मनाई गई, लोगों ने होली-दीवाली इसी दिन मना ली और यह दिन था 24 सितम्बर, 2007 का जब भारत के युवा शेरों ने पाक को किक्रेट के...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मोबाइल फोन के प्रभाव Mobile Phone ke Prabhav वर्तमान वैज्ञानिक युग में मोबाइल के प्रभाव से शायद ही कोई व्यक्ति बचा हो। आज हर व्यक्ति की जेब में या हाथ में मोबाइल फोन दिखाई पड़ता है। मोबाइल फोन हमारे जीवन की आवश्यकता बनकर रह गया हैं इसके बिना जीवन सूना-सूना प्रतीत होता है। यह विज्ञान की एक चमत्कारी देन है। इसके नित्य नए-नए रूप बाजार में दिखाई दे रहे हैं।...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
इक्कीसवीं सदी का भारत Ikkisvi Sadi ka Bharat निबंध नंबर : 01 इक्कीसवीं सदी की कल्पना अत्यंत जिज्ञासापूर्ण एवं आह्लादकारी है। हम इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर गए हैं। नई सदी में प्रवेश की तैयारी में इतना उत्साह पहले कभी दिखाई नहीं दिया। हमारे प्रधानमंत्री ने इक्कीसवीं सदी में भारत को प्रविष्ट कराने की तैयारी बड़ी धूमधाम से की है। प्रधानमंत्री की कल्पना पर जाएँ तो मन में अत्यंत प्रसन्नता...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नर हो, न निराश करो मन को Nar ho, Na Nirash Karo Mann ko निबंध नंबर :-01 नर अर्थात् मनुष्य असीम शक्ति का भंडार है। वह जो कुछ मन मे ठान ले, उसे पूरा करने की ताकत उसमें है। पर, कई बार वह परिस्थितियों से संघर्ष करते-करते थक जाता है। उसमें निराशा का भाव आ जाता है और वह सोचने लगता है कि अब कभी आगे नहीं बढ़ पायेगा, किंतु...
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May 31, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
थोथा चना बाजे घना Thotha Chana Baje Ghana ’थोथा चना बाजे घना’ का आशय यह है कि जब चने में सार तत्व समाप्त हो जाता है तब बहुत बजने लगता है। यही स्थिति मनुष्य की है। जिस व्यक्ति में ज्ञान की जितनी कमी होती है , वह उतना ही अधिक दिखावा करता है। वह ज्यादा दिखावा करके अपनी कमी को छिपाने का प्रयास करता है। जिस प्रकार कोई व्यक्ति थोड़ी...
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May 31, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
सुनो सबकी करो मन की Suno Sabki Karo Man Ki यह संसार का बड़ा विचित्र है। इस संसार के लोग दूसरों को हर बात में सलाह देने में सदा आगे रहते हैं, मानो इन्हें सभी क्षेत्रों में दक्षता प्राप्त हो। कई बार तो सलाह देने वालों की इतनी भीड़ एकत्रित हो जाती है कि कुछ भी निर्णय कर पाना कठिन हो जाता है। इस प्रकार की स्थिति में सभी की...
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May 31, 2018 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment