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Posts tagged "Hindi essays" (Page 121)
भारत में डिश टीवी का विस्तार Bharat me Dish TV ka Vistar यदि 1980 का दशक केबल टी.वी. और स्काई टी.वी. का दशक था, तो 1990 का दशक निर्विवाद रूप से स्काई टी.वी. (सेटेलाइट प्रसारण) का दशक होगा.पिछले 10 वर्षों में संसार में टेलीविजन प्रसारण में अनेक प्रौद्योगिकी परिवर्तन हुए हैं। केबल टी.वी. और स्काई टी.वी. और विशेषतया दोनों के संश्लेषण से उपलब्ध चैनलों में वृद्धि हो गई है। जो लोग...
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February 14, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नेल्सन मंडेला Nelson Mandela डॉ. नेल्सन रोलीहलाला मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में केप प्रांत में ट्रांसकी नामक इलाके में हुआ था। 12 वर्ष की अल्पायु में ही उनके पिता हेनरी गडला मंडेला का स्वर्गवास हो गया। 1941 में नेल्सन मंडेला जोहन्सबर्ग आ गये। यहां उन्हें खानों में काम करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका में कई शताब्दियों पहले से यूरोप के अनेक देशों के अल्पसंख्यक गोरी नस्ल के...
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February 14, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विश्व व्यापार संगठन Vishwa Vyapar Sangathan 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन का श्रीगणेश हुआ। यह गैट समझौते के स्थान पर आया है और उससे अधिक शक्तिशाली सिद्ध होगा। यह 85 सदस्य राष्ट्रों के बीच होने वाले झगड़ों का निपटारा करेगा। विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व व्यापार संगठन – ये तीनों विश्वव्यापी आर्थिक ढांचे के तीन स्तम्भ बन गए हैं। विश्व व्यापार संगठन का क्षेत्र गैट के क्षेत्र...
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February 14, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
संचार क्रान्ति Sanchar Kranti तकनीकी में प्रगति होने के कारण ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का विचार अब सार्थक होता जा रहा है। संचार के आधुनिक साधनों के द्वारा अब दूरी पर स्थित स्थान दिन प्रतिदिन समीप लगने लगे हैं। उन्होंने संसार के भिन्न-भिन्न तथा सुदूर स्थित स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों के बीच अलगाव की भावना को मिटा दिया है। समाचारों, विचारों और भावनाओं के आदान-प्रदान द्वारा आज समूची मानवता एक ही परिवार...
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February 14, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वृक्ष की आत्मकथा Vriksh ki Atmakatha वृक्ष, पेड, दरख्त, जैसे कई नामों से पुकारा जाता है, मुझे। याँ मेरी सत्ता व्यापक है। सारे संसार में मेरा अस्तित्व विद्यमान है। मेरी जातियाँ तो अनगिनत हैं ही, रंग-रूप और आकार-प्रकार भी अनेक हैं। मेरा कोई भाई बहुत मोटे मद-काठ (तने) वाला हुआ करता है और कोई पतले वाला। इसी तरह किसी का शरीर और बनावट खूब फैलावदार हुआ करती है और किसी की...
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January 30, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
डॉयरी की आत्मकथा Diary ki Atmakatha अजी जनाब ! यह क्या करने लगे। नहीं, किसी की डॉयरी पढ़ना कतई उचित नहीं, किसी की इजाजत के बिना उसकी डॉयरी पढना कतई सद्व्यवहार नहीं माना जाता। कोई भी समझदार और पढ़ा-लिखा व्यक्ति ऐसा करना उचित नहीं मानता। अरे, पुलिस या उस प्रकार की संस्थाओं द्वारा खोज-बीन करते समय किसी की निजी डॉयरी पढ़ना अलग बात है। वैसा करने से कई तरह की कठिन...
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January 30, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
मधुमक्खी की आत्मकथा Madhumakkhi ki Atmakatha ‘मधु!’ कितना मधुर शब्द है यह। कहते-सुनते ही मुख तथा कानों में एक तरह की स्वस्थ शहद या मिठास-सी घुलने लगती है। लेकिन भाई ‘मक्खी’ शब्द का अकेले प्रयोग या उच्चारण किया जाए, तो यह सोच कर जी मितलाने लगता है कि जैसे कुछ अयोजित एवं अस्वाभाविक निगल लिया गया हो। लेकिन मैं न तो केवल ‘मधु’ ही हूँ और न मात्र ‘मक्खी’ ही; बल्कि...
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January 30, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पेन की आत्म-कथा Pen ki Atmakatha मैं लेखनी, अर्थात् वह साधन हूँ, जिसके द्वारा आप जो कुछ भी चाहें बड़ी सरलता से लिख सकते हैं लेखनी यानि लिखने वाली। वही, जो यह सब लिख कर आप तक पहुंचा रही हूँ। हाँ, मुझे कलम भी कहा करते थे और कुछ लोग तो आज भी मुझे इसी नाम से पुकारा करते हैं। बीच में मुझे होल्डर भी कहा जाने लगा था। तब मेरा...
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January 30, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment