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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 224)
देश-प्रेम निबंध नंबर :- 01 देश-प्रेम का अर्थ – देश-प्रेम का अर्थ है-देश से लगाव | मनुष्य जिस देश में जनम लेता है, जिसमें निवास करता है, जिसका अन्न खाकर बड़ा होता है, उसके प्रति लगाव होना स्वाभाविक है | देश-प्रेम में त्याग – सच्चा देश-प्रेमी के लिए अपना तन-मन अर्पित कर देना चाहता है | अमेरिका के देशभक्त राष्टरपति अब्राहिम लिंकिन ने देशवासियों को यही संदेश दिया था...
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June 16, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages24 Comments
यदि मैं प्रधानमंत्री होता ! मेरी कल्पना – अगर मैं प्रधानमंत्री होता ! यदि यह कल्पना सच होती तो मैं देख का नक्शा बदल कर रख देता | मैं भारतवर्ष को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान लगा देता | मैं अपनी सेनाओं को इतना मजबूत बना कि कोई भी देख हमारी सीमाओं में घुसपैठ करने का विचार ही न करता | न ही अंतरराष्ट्रीय मत की इतनी अधिक परवाह करता...
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June 16, 2016 evirtualguru_ajaygourLanguages3 Comments
निबंध नंबर : 01 भारत-पाक संबंध Bharat-Pak Sambandh भारत-पाक के जटिल संबंध – भर और पाकिस्तान की तुलना एक उदार पिता और उसके बिगडैल बेटे से की जा सकती है | अखंड भारत के भड़के हुए कट्टर मुसलमानों ने अलग देख की मांग की | अंग्रेजो ने पाकिस्तान नाम से एक अलग देख बनाकर दोनों को लड़ने-भिड़ने के लिए छोड़ दिया | आज तक ये दोनों देश नोचानोची करने में...
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June 16, 2016 evirtualguru_ajaygourLanguagesNo Comment
काश ! मैं सेनिक होता तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूँ देश की धरती ! तुझे कुछ और भी दूँ !! — बचपन से ही ये पंक्तियाँ मेरी रग-रग में समा गई हैं | सनिक होना-मेरा सपना – देशभकित के इन संस्कारों के कारण मैं जब भी अपने भविष्य का स्वयप्न बुनता हूँ तो एक भारतीय सैनिक या फोज़ी अफ़सर मेरी आँखों को सामने खड़ा हो जाता...
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June 16, 2016 evirtualguru_ajaygourLanguages5 Comments
केसा शासन , बिना अनुशासन भूमिका – शासन और अनुशासन दोनों में अटूट सम्बन्ध हैं | शासन अनुशासन को बनाने के एक व्यवस्था का ही नाम है | मानव –जीवन को चलने के लिए ही शासन – व्यवस्था की ज़रूरत होती है | पुरे देश चलाने के लिए तो कठोर अनुशासन और नियम-व्यवस्था की ज़रूरत होती है | शासकों में अनुशासन की आवश्यकता – अनुशासन बनाने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी...
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June 15, 2016 evirtualguru_ajaygourLanguages5 Comments
विज्ञान की क्रांतिकारी उपलब्धियां जब भी विज्ञान शब्द की बात होती है लोग आधुनिक आविष्कारों के बारे में सोचने लगते हैं लेकिन इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। विज्ञान प्रकृति के हर वस्तु में विद्यमान है। विज्ञान संसार की सबसे अनमोल उपलब्धि है। जब मानव विज्ञान से परिचित नहीं था, उसका जीवन पशु के समान था। मानव पशुओं की भांति जंगलों और गुफाओं में रहता था। भोजन के रूप में फल-फूल,...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं मुख्यमंत्री होता/होती वैसे तो मुझे राजनीति बिलकुल पसंद नहीं है लेकिन आज के परिप्रेक्षय में मैं अपने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनकर अपने राज्य के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूँ। मैं झारखंड जैसे खनन और प्राकृतिक धन-सम्पदा से परिपूर्ण राज्य का निवासी हूँ और ऐसे में अपने प्रदेश को पिछड़ा हुआ देखकर बहुत ही निराश हो जाता हूँ। अतः मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूँ। मैं मुख्य मंत्री ही इसलिए...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages11 Comments
महंगाईः एक समस्या महंगाई आज हर किसी के मुख पर चर्चा का विषय बन चुका है। विश्व का हर देश इस से ग्रसित होता जा रहा है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों के लिए तो यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। महंगाई ने आम जनता का जीवन अत्यन्त दुष्कर कर दिया है। आज दैनिक उपभोग की वस्तुएं हों अथवा रिहायशी वस्तुएँ , हर वस्तु की कीमत दिन-व-दिन बढ़ती और पहुँच...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment