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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 195)
ऊर्जा संरक्षण Urja Sanrakshan आधुनिक युग विज्ञान का युग है। मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है। उतने समय के साथ स्वंय के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं। इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कही अधिक बढ़ गई है। समय के साथ उसकी असंतोष की पृवत्ति बढ़ती जा रही है।...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला Bharat Antar-Rashtriya Vyapar Mela विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर अनेक मेलों अथवा प्रदर्शनियांें का आयोजन सरकार अथवा अन्य व्यापारिक संस्थानों द्वारा किया जाता है। देश की राजधानी में प्रतिवर्ष प्रगति मैदान में नवंबर माह में आयोजित व्यापार मेंला अत्यंत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यह देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रसिद्धि पा रहा है जिसके कारण देश-विदेश के कोने-कोने में लोग इस आयोंजन...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सिनेमा या चलचित्र Cinema or Chalchitra मनुष्य जैसे-जैसे विकास की राह पर आगे बढ़ता गया, उसने समय के साथ स्वयं की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास किया। उसे आवागमन में कठिनाई महसूस हुई तो उसने यातायात के साधन विकसित किए। ज्ञान की खोज और उसे संचित करने की आवश्यकता का अनुभव किया तो छपाई की कला का प्रारंभ हुआ। इसी प्रकार बह्मांड के रहस्यों को जानना चाहा तो...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छुट्टियों का सदुपयोग Chutiyon ka Sadupyog किसी ने सत्य ही कहा है कि श्परिवर्तन में ही वास्तविक आनंद होता है।श् मनुष्य जब एक ही कार्य को लगातार करता रहता है तो कुछ समय बाद उसकी ऊर्जा का ह्रास होना प्रारंभ हो जाता हैं। कार्य की एकरसता के कारण उसके जीवन में नीरसता घर कर लेती है। इन स्थितियिों में छुट्टी का दिन उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इससे...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
भाग्य और पुरूषार्थ Bhagya aur Purusharth Best 4 Essay on ” Bhagya aur Purusharth” निबंध नंबर: 01 आधुनिक युग प्रतिस्पर्धा का युग है। विज्ञान अथवा तकनीकी क्षेत्र में मनुष्य की अभूतपूर्व सफलताओं ने उसकी इच्छाओं व आकांक्षाओं को पंख प्रदान कर दिए हैं। परंतु बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जीवन में वांछित वस्तुएँ प्राप्त होती हैं अथवा अपने जीवन से संतुष्ट होते हैं। हममें से प्रायः अधिकंाश...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चाँदनी रात्री में नौका-विहार Chandni Ratri me Nauka Vihar Best 3 Hindi Essay on ” Chandni Raat mein Nauka Vihar” निबंध नंबर : 01 प्रकृति विभिन्न रूपों में अपना सौंदर्यं प्रकट करती है। समय परिवर्तन के साथ इसका सौंदर्य भी अनेक रंगों में प्रकट होता है। प्रातः काल उगते हुए सूर्य की ललिमा एक ओर अद्भुत छटा बिखेरती है तो रात्रिकाल में चंद्रमा के प्रकाश में प्रकृति का सौंदर्य अत्यंत मनोहारी...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रयागं Prayag प्रयाग भारत का एक बहुत ही प्रचीन शहर है। वैदिक काल से ही इसका बहुत महत्व रहा हैं। तब से युग परिवर्तित होते रहे परंतु प्रयाग का वर्चस्व निरंतर बना रहा। इसका दूसरा नाम इलाहाबाद है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहाँ की धरती इतनी पवित्र हैं कि देवतागण स्वयं यहाँ आकर निवास करते हैं। मुगल काल में समा्रट अकबर ने प्रयाग का नाम परिवर्तन कर ‘ अल्लाहबाद...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में लक्ष्य की भूमिका Jeevan me lakshay ki bhumika अथवा जीवन में लक्ष्य का निर्धारण Jeevan me lakshya ka nirdharan सभी मनुष्य के लिए जीवन में लक्ष्य का होना अनिवार्य है। लक्ष्यविहीन मनुष्य पशुओं के समान ही विचरण करता है। वह परिश्रम तो करता है परंतु उसका परिश्रम उसे किसी ऊँचाई की ओर नहीं ले जाता है क्योंकि उसका परिश्रम उद्देश्य रहित होता हैं। दूसरी ओर जीवन में एक...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments