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Posts tagged "Hindi Anuched" (Page 9)
समय का सदुपयोग Samay ka Sadupyog तुलसी दास जी की चौपाई है – “का वरषा जब कृषी सुखाने, समय चूकि पुनि का पछिताने।” यह चौपाई समय के महत्व को अक्षरशः प्रकट करती है। एक और कहावत है -“अब पछताये होत क्या जब चिड़ियाँ चुगगई खेत”। ये दोनों ही उद्धरण समय के महत्व को प्रतिपादित करते हैं। इनका आशय है कि समय पर किए जाने वाला कार्य यदि उसी समय न...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भूकम्प का प्रकोप Bhukamp ka Prakop निबंध नंबर : 01 भूकम्प का धक्का प्रबल था। एक बहुत बड़े क्षेत्र में इसका प्रभाव पडा। कई गाँवों में त्राहि त्राहि होने लगी। गाँवों के लगभग सभी मकान गिर गए। उनके निवासी उनके मलबे में ही दबे रह गए। परिवार के परिवार भूमि निगल गई। रात का समय होने के कारण किसी को कुछ भी नहीं सूझा। रात में ही भूकम्प के तीन-चार झटके...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बाढ़ का दृश्य Badh ka Drishya निबंध नंबर :- 01 प्रकृति के प्रकोप का एक स्वरूप बाढ़ है। सामान्य रूप से जो नदी शान्त रहती है, अपने किनारे बसे हुए ग्राम वासियों को नित्य अनेक प्रकार से सहायता करती है, बाढ़ के समय उसका रौद्र रूप देखकर भय लगता है। नदी के उद्गम क्षेत्र में भारी वर्षा होने पर नदी देखने को मिलता है। उफन कर चलने लगती है। उसके तटीय...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वर्षा ऋतु Varsha Ritu 4 Best Hindi Essay on “Varsha Ritu” निबंध नंबर :- 01 प्रचण्ड धूप से तपती हुई धरती आग उगलती है। लोग व्याकुल होकर आकाश की ओर देखने लगते हैं। पानी की कमी से सभी परेशान हो जाते हैं। ऐसे ही समय में पुरवाई चलने लगती है। आकाश पर बादल छा जाते हैं। प्यासी भूमि की प्यास बुझाने वर्षा ऋतु का आगमन होता है। प्रथम वर्षा ही वातावरण...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूर्योदय का दृश्य Surya Udya ka Drishya सूर्य की प्रथमकिरण ने भूमि का स्पर्श किया। आकाश में उजेला छाने लगा। एक तरफ मुर्गों की कुकुडू कू ने नींद उचाट दी। पूर्व में लाली प्रकट होने लगी। लालिमा धीरे धीरे स्वर्णिम होने लगी। चिड़ियाँ चहचहाने लगी। उनका मधुर संगीत कानों में पड़ने लगा। सोता हुआ संसार जागृति की ओर अग्रसर होने लगा। प्राणियों ने अलसाई दृष्टि चारों ओर डाली। अंगड़ाई लेकर वे...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिष्टाचार Shishtachar Essay No. 01 अच्छे आचरणों वाला व्यक्ति समाज का आभूषण माना जाता है। इसके विपरीत अशिष्ट व्यक्ति समाज के लिए अभिशाप होता है। व्यक्ति आदतों का एक समूह होता है। एक शिष्ट व्यक्ति शिष्ट आदतों का समूह होता है। हमारा आचरण शिष्ट होनेसे सभी लोग मिलने जुलने की इच्छा करते है। अशिष्ट व्यक्ति से समाज घृणा करता है। हमारे शिष्ट आचरण हमें समाज में सम्मान एवं प्रतिष्ठा दिलाने में...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आदर्श विद्यार्थी Aadarsh Vidyarthi शिक्षा का अर्थ विद्यार्थी की बहुमुखी प्रतिभा का विकास करना है। बहुत से लोग किताबी ज्ञान को ही बहुत महत्वपूर्ण मान लेते हैं। यह ठीक नहीं है। एक आदर्श विद्यार्थी वही हो सकता है जो अपने विद्यालय की सभी गतिविधियों में रुचि लेता हो। पढ़ने मे तो वह सर्वप्रथम रहता ही है, पाठ्येतर क्रियाओं में भी वह उत्कृष्ट रहता है। पाठशाला में भाषण, वादविवाद कविता पाठ,...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी और राजनीति Vidyarthi aur Rajniti हमारे सामने यह समस्या है कि राजनीति में विद्यार्थियों को भाग लेना चाहिए या नहीं। देखना यह है कि यदि विद्यार्थी राजनीति में भाग लेते हैं, तो उन्हें क्या लाभ होता है, नहीं लेते हैं तो क्या हानि होती है। यह तो स्पष्ट है कि शिक्षा और राजनीति दो अलग अलग विषय हैं। जिस प्रकार कोई एक साथ दो घोड़ों की सवारी नहीं कर...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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