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Naya Juta, “नया जूता” Hindi motivational moral story of “Mirza Ghalib” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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नया जूता Naya Juta एक दिन कोई साहब मिर्जा गालिब से मिलने उनके घर आए। थोड़ी देर बैठने के बाद जब वह जाने लगे तो मिर्जा हाथ में शमादान लेकर उन्हें पहुँचाने नीचे आये। नीचे पहुंचकर आगन्तुक सज्जन ने शिष्टतावश कहा-“आपने क्यों तकलीफ की? मैं अपना जूता खुद पहन लेता।” मिर्जा गालिब ने अपने खास अंदाज में तुरन्त जवाब दिया- “मैं आपको जूता दिखाने के लिए शमादान नहीं लाया हूँ, बल्कि...
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Ghalib ka Udhar, “गालिब का उधार” Hindi motivational moral story of “Mirza Ghalib” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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गालिब का उधार  Ghalib ka Udhar   प्रसिद्ध उर्दू शायर मिर्जा गालिब का जीवन सदा तंगी, बदहाली और उधारी में ही बीता। एक बार एक लेनदार वसूली के लिए उनके घर पहुँचा। मिर्जा गालिब ने उसका बहुत अच्छा सत्कार किया और उसके सामने मिठाइयाँ पेश की। लेनदार ने नाक-भौंह सिकोड़ कर कहा, “आपके पास मुझे देने के लिए पैसा नहीं हैं, लेकिन इतनी महंगी चीजें खाने-खिलाने के लिए पैसा है !”...
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Kurup Jayasi, “कुरूप जायसी” Hindi motivational moral story of “Malik Mohammad Jayasi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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कुरूप जायसी Kurup Jayasi मलिक मोहम्मद जायसी अनूठे कवि थे। उनकी लेखनी तथा वाणी इतनी प्रभावी थी कि बड़े-बड़े साहित्य प्रेमी उनके साथ के लिए लालायित रहते थे। साहित्य में उनके योगदान को आज भी बहुत याद किया जाता है। एक बार वह शेरशाह सूरी के दरबार में पहुँचे। शेरशाह ने जैसे ही एक आँख से हीन व कुरूप जायसी को देखा, उनको हंसी आ गयी। जायसी समझ गये कि बादशाह...
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Aalam aur Jahaan, “आलम और जहान” Hindi motivational moral story of “Aalam” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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आलम और जहान Aalam aur Jahaan ब्रज में एक कवि हुए हैं-आलम। आलम की पत्नी शेख रंगरेजिन भी अच्छी कविता कर लेती थी। अपने बेटे को वह जहान नाम से बुलाती थी। एक बार शहजादा मुअज्जम ने शेख से पूछा – “क्या आप ही आलम की पत्नी हैं ?” शेख ने हंसकर जवाब दिया-“हाँ जहाँपनाह! जहान की माँ मैं ही हूँ।”
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Daan bada shubh kaam, “दान बड़ा शुभ काम” Hindi motivational moral story of “Raja Bhoj” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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दान बड़ा शुभ काम Daan bada shubh kaam राजा भोज के दरबार में शीतल नाम के एक कवि थे, जिन्हें राजकवि का दर्जा मिला हुआ था। एक दिन राजकवि गर्मी की प्रचंड धूप में कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अति दुर्बल आदमी नंगे पैर कहीं जा रहा है और तेज गर्मी व धूप के कारण बहुत दुखी हो रहा है। न तो वह अति दुर्बल होने...
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Nindak, “निंदक” Hindi motivational moral story of “Raja Vikramadiya” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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निंदक Nindak  एक बार राजा विक्रमादित्य की सभा जुड़ी हुई थी। विद्वतजन, सामन्त और योद्धा सभी बैठे हुये थे। विक्रमादित्य के प्रसिद्ध नवरत्न भी बैठे थे। अचानक एक सामन्त के गाल पर एक मक्खी आ बैठी। उसने अपने गाल पर तमाचा माकर मक्खी को भगाना चाहा तो राजा का ध्यान भी उस ओर गया। उन्हें तब मालूम हुआ कि मामला एक मक्खी का है, तो वे बोले, “मक्खी तो इतना काटती...
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Bojha tya pet me, “बोझा गया पेट में” Hindi motivational moral story of “Samrat Krishnadev Rai” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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बोझा गया पेट में Bojha tya pet me एक बार सम्राट कृष्णदेव राय ने अपने दरबारियों की परीक्षा लेने के लिए एक चाल चली। उन्होंने छोटी-बड़ी कई गठरियां बनायीं और दरबारियों से उन्हें ले चलने को कहा। प्रत्येक दरबारी ने छोटी-बड़ी गठरी उठाने की चेष्टा की। केवल तेनाली राम एक कोने में खड़ा रहा। अंत में जब एक बड़ी गठरी बच गयी, तो उसने उसे सिर पर उठा लिया। यह देखकर...
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Shanshilta, “सहनशीलता” Hindi motivational moral story of “Sant Eknath” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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सहनशीलता Shanshilta एक दिन सन्त एकनाथ पूजा कर रहे थे। एक ब्राह्मण आकर उनकी गोद में बैठ गया। वे हँसकर बोले-“भैया, तुम्हारा प्रेम तो अद्भुत है। मुझे बहुत आनन्द आया।” दोपहर के भोजन के लिए थाल परोसे गये। घी परोसने के लिए एकनाथ की पत्नी गिरजाबाई जैसे ही ब्राह्मण के पास आई, वह उठकर उनकी पीठ पर सवार हो गया। संत एकनाथ ने अपनी पत्नी को कहा-“देखना, कहीं बेचरा ब्राह्मण गिर...
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