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Suchna Prodyogiki – Sanchar ka Bhavishya “सूचना प्रौद्योगिकी: संचार का भविष्य” Hindi Essay 1200 Words for Class 10, 12.

सूचना प्रौद्योगिकी: संचार का भविष्य

Suchna Prodyogiki – Sanchar ka Bhavishya

बीसवीं सदी की समाप्ति के लगभग 23 वर्ष पूर्व से ही सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी तेज प्रगति हुई। इसके बावजूद, इलेक्ट्रॉनिक्स का विस्तार टीवी के धरातल से परे होने जा रहा है। टीवी भी अगले कुछ वर्षों में अतीत की वस्तु बन सकता है। वैज्ञानिक संसार की महानतम खोजों में से एक खोज टेलीविजन ने पिछले लगभग 30 वर्षों के दौरान मानवजाति के विकास में अत्यधिक सहयोग दिया है। इसने विभिन्न देशों और प्रदेशों के लोगों को एक-दूसरे के निकट ला दिया है, विश्व के विभिन्न भागों में विकसित संस्कृति और परंपराओं के बारे में सीखने में उन्हें सहायता प्रदान की है, यह शायद शिक्षा और मनोरंजन के लिए जन संचार का सर्वाधिक शक्तिशाली साधन है, किंतु लोगों की जीवनशैली को पूरी तरह से बदल देने की खोज को आज के कम्प्यूटर द्वारा पीछे धकेले जाने का खतरा है। हाल के वर्षों में कम्प्यूटर ने मानवजाति के विकास के नए चरण को प्रवर्त्तित किया है। कम्प्यूटर की क्षमता इतनी विशाल और विविध है कि यह अन्य कार्यों के अलावा टेलीविजन के कार्यों को भी काफी दक्षता के साथ सम्पादित कर सकता है, किंतु इसके अलावा, इसकी कुछ ऐसी भी विशेषताएं हैं जो टीवी में उपलब्ध नहीं हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा भारतीय राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज (निक्सी) ने तीन मिरर इंटरनेट रुट सर्वर स्थापित किए हैं। रुट सर्वर विश्व इंटरनेट ढांचे का एक अहम भाग होता है।

20वीं शताब्दी पूर्णतः कम्प्यूटर पर निर्भर थी और मनुष्य के लिए कम्प्यूटर द्वारा सम्पादित कार्यों की सूची में व्यापारिक क्रय-विक्रय, शिक्षा, संचार और इसी तरह के कई कार्य शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में, जब कम्प्यूटर क्रांति ने विश्व को एक भूमंडलीय गाँव में परिवर्तित कर दिया है, सूचना के प्रेषण को तीव्र और परिशुद्ध किया जाना है। कुछ सेकंड का विलंब भी हमारे व्यापार के लिए भारी क्षति का कारण बन सकता है। वर्तमान में सूचना ही शक्ति है और सूचना ही धन, आमोद-प्रमोद, मनोरंजन और बुद्धि है।

इस क्षेत्र में विभिन्न अनुसंधानों के परिणामस्वरूप अब भविष्य के सभी व्यापार कम्प्यूटर पर उपलब्ध होंगे। इस विकास के फलस्वरूप ही ई-कामर्स नामक नए विषय का विकास हुआ है। अब लोगों को खरीददारी के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आसानी से बटन दबाने पर सारे दुकानदारों की सूची पर्दे पर दिखाई पड़ेगी, जहाँ से वे अपनी इच्छा के उत्पादों की माँग कर सकते हैं।

इसका प्रभाव शेयर बाजार में भी हो गया है। अब शेयर बाजारों में भी सभी नियमित लेन-देन कम्प्यूटर के माध्यम से ही किए जा रहे हैं। इसने काफी हद तक इन अव्यवस्थित बाजारों की अवस्था को कम कर दिया है। इसी तरह, अब नेट के उपयोगकर्ता लोग या तो आमोद-प्रमोद के उद्देश्य के लिए या ज्ञान के लिए इंटरनेट के जरिए विभिन्न वेबसाइट पर मनोरंजन कर सकते हैं। विभिन्न वेबसाइट व्यक्तियों, स्थानों, संस्कृतियों, परंपराओं इत्यादि की सूचना का सम्पूर्ण सप्तक प्रस्तुत करता है। इसलिए किसी प्रकार की सूचना प्राप्त करने वाले इच्छुक लोग अपने स्वेच्छानुसार सूचना प्राप्त कर सकते हैं।

सामारिक क्षेत्र में भी इसका महत्व बढ़ गया है, आधुनिक युद्ध अब केवल योद्धा सैनिकों की शारीरिक क्षमता और बहादुरी पर निर्भर नहीं है, बल्कि उनकी इलेक्ट्रॉनिक जुगतों पर भी निर्भर है। इस कथन की सच्चाई उस खाड़ी युद्ध में पर्याप्त रूप से प्रमाणित हुई थी जिसमें अमेरिकी सैनिकों ने अत्याधुनिक संचार नेटवर्क की सहायता से इराक की शक्ति का हास किया था। हमें अभी तक अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए पैट्रियाट प्रक्षेपास्त्र याद है। यह कम्प्यूटरों की सहायता से सैटेलाइट कार्यों का सक्षम प्रदर्शन है। इस तरह कुछ क्षणों में ही युद्ध के परिणाम का फैसला किया जा सकता है। अब आश्चर्य यह है कि भविष्य के युद्ध अंतरिक्ष में होंगे और वही देश युद्ध जीतेगा जिसके पास बेहतर एवं पर्याप्त सक्षम नेटवर्किंग होगी।

जहाँ तक संचार उपग्रहों की बात है तो इसने भी संचार नेटवर्क के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। हाल ही में 65 उपग्रहों के समूह वाला विश्व संचार हस्ती इरिडियम ने भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कॉलिंग सर्विस (जी.एम.पी.सी.एस.) शुरू की है।

वर्तमान में नई प्रौद्योगिकी की विस्तृत संभावनाओं, प्रयोक्ता कम्प्यूटरों के सम्पूर्ण नए क्षेत्र, प्रकाशीय रेशों, आई.एस.डी.एन., कम्प्यूटर ग्राफिक्स, सी.डी. रोम, एम.डी.टी. वी. और इसी तरह की अन्य चीजों ने हमें अभिभूत कर दिया है। श्रृंखला की नवीनतम कड़ी में सूचना का सुपर हाइवे इंटरनेट है जैसा कि इसके प्रयोक्ताओं द्वारा कहा जाता है। इतनी इलेक्ट्रॉनिक जुगतों के उपलब्ध होने के साथ समय और दूरी का दवाब समाप्त हो गया है और इसने सूचना संसाधनों की भागीदारी पूरे विश्व द्वारा बौद्धिक, आर्थिक, सैन्य, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से मानवता के लिए संभव बना दिया है। इसी तरह अफगानिस्तान एवं इरान युद्ध में अमेरिकी सेना ने उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी की बदौलत अपने दुश्मनों को शिकस्त दी है।

वर्तमान में इंटरनेट का उपयोग 40 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है और इनकी संख्या प्रतिवर्ष 200 प्रतिशत की विलक्षण गति से बढ़ रही है जो इसकी उपयोगिता तथा सफलता का प्रयास है। विशाल नेटवर्क में कम्प्यूटरों के प्रबंधन और सम्पूर्ण प्रणाली का मालिक. कोई एक व्यक्ति नहीं है और न ही इसका कोई मुख्यालय या केंद्रीय प्राधिकरण है। कोई भी इसका संचालन नहीं करता है फिर भी सब लोग इसके स्वामी हैं।

नेट, वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के बीच सीधी सेवा प्रदान करता है और यह सचमुच में अपने आप में महान है। सूचना का सीमा पार स्थानांतरण मिलियनों प्रयोक्ताओं के लिए दैनिक अनिवार्यता बन गई है।

साधारण कम्प्यूटर, मोडेम और टेलिफोन लाइन इंटरनेट सेवा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है। भारत में वी.एस.एन.एल., अमेरिकी टेलिकॉम हस्ती, एम.सी. आई. इंटरनेशनल और गेटवे इंटरनेशनल उचित शुल्क पर इंटरनेट सेवा प्रदान करते हैं।

भारत में वर्तमान संचार नेटवर्क का नियंत्रण उपग्रहों की इनसेट श्रृंखला द्वारा किया जाता है। इंटरनेट और टेलीविजन सेवाएँ सहित अधिकांश आधुनिक संचार सेवाएं इन उपग्रहों के कारण ही उपलब्ध हैं। इन्सेट के कारण भारत में 1400 से भी अधिक स्थलीय पुनर्प्रसारण ट्रांसमीटरों से 90 करोड़ के करीब लोगों तक टी.वी. की पहुंच हो पाई। भारत का पहला विषय-आधारित उपग्रह एडुसेट, जो विशेष रूप से शिक्षण सेवाओं के लिए है, के प्रक्षेपण से इन्सेट प्रणाली द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली शिक्षण सेवाओं को और बढ़ावा मिला है। व्यापार बढ़ रहा है। लोग एक-दूसरे के निकट आ रहे हैं। और सूचना प्रौद्योगिकी में महत्त्वपूर्ण छलांग वाली नीति अपनी सफलता के चरण में है।

इस प्रकार यह प्रतीत होता है कि हम टेलीविजन और पिक्चर ट्यूब के युग को काफी पीछे छोड़ चुके हैं। वर्तमान युग कम्प्यूटरों और उपग्रहों का युग है। नई प्रौद्योगिकी के प्रवेश के साथ ही कम्प्यूटर प्रणाली के आयाम भी बदल जाएंगे और वह समय दूर नहीं जब लोग चंद्रमा और अन्य ग्रहों के लोगों से इस तरह बातचीत कर सकेंगे मानो वे बगल वाले कमरे से बोल रहे हों।

आधुनिक इलेक्ट्रानिक प्रौद्योगिकी पर गर्व करते समय हम टीवी से लेकर उपग्रह संचार और इंटरनेट तथा आधुनिक विज्ञान के अन्य चमत्कारों पर भी बात करते हैं। हमें धरातल की वास्तविकता को समझना चाहिए। भारत अभी भी एक गरीब एवं कृषि प्रधान देश है जहाँ लगभग 30 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और जहाँ कई लोगों के लिए ट्रांजिस्टर सेट भी एक विलासिता की वस्तु है वहाँ रंगीन टेलीविजन तथा इंटरनेट के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। इसलिए हमें यह देखना चाहिए कि संचार के वर्तमान साधन का वितरण इस प्रकार हो कि गरीब तथा अमीर जनता में समन्वय स्थापित हो सके।

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