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Sasur ki Kavita, “ससुर की कविता” Hindi motivational moral story of “Ramchandra Shukla” for students of Class 8, 9, 10, 12.
ससुर की कविता
Sasur ki Kavita
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कवि भी थे। वह एक कवि सम्मेलन में शामिल हुए। शुक्ल जी की बारी आने पर एक सरस्वर कविता पाठ करने वाले ने कहा, ” अब आप असुर (स्वर रहित) की कविता सुनिए।”
शुक्ल जी उस समय तो चुप रहे और कविता पढ़ने लगे। कविता समाप्त करने के बाद आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने उन्हीं कवि से कविता पढ़ने का प्रस्ताव रखते हुए कहा, “अब तक आप लोग असुर (स्वर रहित) की कविता सुन रहे थे, अब आप ससुर (स्वर सहित) की कविता सुनिए। ‘