Pathshala mein Khela gya Match “पाठशाला में खेला गया मैच” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 12 Students.
पाठशाला में खेला गया मैच
प्रस्तावना
खेलों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि स्वयं मनुष्य। आदि-मानव के आखेट, श्रीकृष्ण का गेंद खेलना, दशरथ का शिकार खेलना, कौरव-पांडवों की चूत क्रीड़ा आदि की कथाएँ इंगित करती हैं कि मनुष्य अपने विकास के प्रारंभिक दौर से ही क्रीड़ा प्रेमी रहा है।
समय-समय पर खेलों का स्वरूप बदलता गया है। आज के संदर्भ में भी खेलों में छात्रों की रुचि जागृत करने की दृष्टि से मैचों के आयोजन किये जाते हैं।
मैच की तैयारी
अभी कुछ दिन पूर्व मैंने फुटबाल का मैच देखा। इस मैच में नगर की दो उच्चतर माध्यमिक शालाओं की टीमों ने भाग लिया। दोनों टीमें नगर की प्रमुख टीमें मानी जाती थीं। हमारी शाला के प्राचार्य ने सूचित किया कि मैच शनिवार को अपराह्न 4 बजे से प्रारम्भ होगा। चूंकि यह मैच एक आकर्षक एवं निर्णायक मैच था, अतएव शाला के अधिक से अधिक विद्यार्थी यथासमय क्रीड़ा स्थल पर पहुँचे। मैं भी यथा समय मैच देखने निर्धारित स्थल पर पहुँच गया। खिलाड़ी अपनी निर्धारित वेशभूषा में सुसज्जित होकर मैदान में आ गये।
खेल का प्रारंभ
मैदान के चारों ओर दर्शक उपस्थित थे। दोनों दल के कप्तान निर्णायक के समक्ष टास करने के लिए उपस्थित हुए। यथासमय निर्णायक ने सीटी बजाई। तत्पश्चात खेल प्रारंभ हुआ। दोनों दलों ने पूर्ण तन्मयता के साथ खेल खेलना प्रारम्भ किया। दोनों टीमें भरसक अपने-अपने कौशल का प्रदर्शन करने में लगी हुई थीं।
अचानक एक टीम के खिलाड़ी ने बड़ी फुर्ती के साथ गेंद को इस प्रकार छकाकर गोलकीपर के बीच से फेंका कि गेंद गोल में पहुंच गई और गोल हो गया। उस टीम के समर्थकों ने करतल ध्वनि से खिलाडियों का अभिनंदन किया। निर्णायक ने सीटी बजाई।
गोल हो जाने से दूसरी टीम के खिलाड़ी कुछ हतोत्साहित हो गये, किन्तु फिर भी उन्होंने सफलता की आशा नहीं छोड़ी और दुगने उत्साह के साथ खेल खेलना प्रारम्भ किया। खिलाड़ियों की इस तन्मयता के कारण खेल में जान आ गई। खेल का आधा समय समाप्त होते ही निर्णायक ने सीटी बजाई। खेल थोडी देर के लिए स्थगित हो गया।
दस मिनिट पश्चात् निर्णायक ने पुनः सीटी बजाई। खेल फिर प्रारम्भ हुआ। दोनों टीमों ने यथासम्भव गोल करने के प्रयास किये, किन्तु गोलकीपरों की सजगता से गोल नहीं हो पाया। खेल के 2 मिनिट पूर्व दूसरी टीम भी एक गोल करने में सफल हो गई। लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा टीम के खिलाड़ियों का स्वागत किया। खेल का समय पूरा हुआ। निर्णायक ने लंबी सीटी बजाई। खेल समाप्त हुआ। दोनों टीमें बराबर रहीं। खेल समाप्त होने के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी बड़े सौहार्द्र के साथ एक दूसरे से गले मिले।
पुरस्कार वितरण
पुरस्कार वितरण हेतु शिक्षामंत्री जी को आमंत्रित किया गया था। शिक्षामंत्री जी ने खेलों की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किये। दोनों टीमों को उनके कौशल पर प्रशस्ति-पत्र दिये गये। सभी खिलाड़ियों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
उपसंहार
मैचों का आयोजन इसलिये किया जाता है, जिससे छात्रों में खेलों के प्रति अभिरुचि उत्पन्न हो सके। वे अपना शारीरिक विकास कर सकें। संगठन की भावना उनमें जाग्रत हो सके। वे अनुशासन प्रिय बन सकें। उनमें सजगता, सहनशीलता एवं सहयोग की भावना का संचार हो सके। जो छात्र अपना सर्वांगीण विकास चाहते. हैं, उन्हें पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलों की ओर भी यथेष्ठ ध्यान देना चाहिये।