भिक्षावृत्ति भिक्षावृत्ति से तात्पर्य है भीख मांग कर जीविका अर्जित करना | यह हमारा जीवन – यापन का निकृष्टतम तरीका कहलाता है | इस तरीके का सहारा वे ही लोग लेते है जो अपने मान – सम्मान , पुरुषत्व और पुरुषार्थ का त्याग कर देते है | भिक्षावृत्ति के लिए लोगो को झूठ- सच्चे बहाने बनाकर अपनी हीनता प्रकट कर दूसरो के दिलो में दया की भावना जगानी पडती है, तब...
Continue reading »
February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
निर्धनता – एक अभिशाप निर्धनता किसी भी समाज अथवा राष्ट्र के लिए एक अभिशाप है | निर्धनता मनुष्य के जीवन की वह स्थिति है जव वह जीवन की अनिवार्यताओ से भी वंचित रह जाता है तथा बद से बदतर जीवन व्यतीत करने पर बाध्य हो जाता है | निर्धन व्यकित के लिए साड़ी दुनिया सुनी रहती है | अत : निर्धनता को अनन्त दु:ख का प्रतीक मन जाता है | आज...
Continue reading »
February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार का अर्थ है भ्रष्ट आचार अर्थात बिगड़ा हुआ आचरण या कार्य | नीति न्याय, सत्य तथा ईमानदारी आदि की उपेक्षा करके स्वार्थवश किए हुए सभी कार्य भ्रष्टाचार में गिने जाते है | भ्रष्टाचार के जन्मदाता है स्वार्थलिप्सा और भौतिक ऐश्वर्य | अधिक धन की प्राप्ति के उद्देश्य से लोग भ्रष्टाचार का सहारा लेते है | आज लोग इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इन निम्न प्रकार के कार्यो का...
Continue reading »
February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
निरक्षरता – एक अभिशाप Niraksharta Ek Abhishap निबंध नंबर : 01 निरक्षरता का सामान्य अर्थ है – अक्षरों की पहचान तक न होना | निरक्षर व्यक्ति के लिए तो काला अक्षर ‘भैस बराबर’ होता है | जो व्यक्ति पढना- लिखना एकदम नही जानता , अपना नाम तक नही पढ़-लिख सकता , सामने लिखी संख्या तक को नही पहचान सकता है | उसे निरक्षर कहा जाता है | निरक्षर व्यक्ति न तो...
Continue reading »
February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
साम्प्रदायिकता अथवा भारत में साम्प्रदायिकता सम्प्रदाय से अभिप्राय एक ऐसा जन –समूह है जो एक भगवान या देवी- देवता – सम्बन्धी किसी एक ही प्रकार की पूजा – पद्धति पर विशवास रखता हो | उसका औपचारिक स्तर पर आचरण और व्यवहार भी एक जैसा ही हो | यह भी एक पौराणिक एव ऐतिहासिक तथ्य है कि आरम्भ से ही इस प्रथ्वी पर कई – कई सम्प्रदाय एक साथ अपने मतो का...
Continue reading »
February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शराब बंदी मद्द-निषेध से तात्पर्य है मद्द अथवा मदिरा के पिने पर रोक लगाना | भारत जैसे निर्धन देश में जहाँ मदिरापान करना एक विलासिता है, मद्द निषेध अत्यन्त आवश्यक है | यद्दपि मद्दपान आधुनिक समाज के लिए अनिवार्य – सा बन गया है परन्तु फिर भी इसके अनेक दुष्प्रभाव है | मद्दपान धन के अपव्यय का कारण तो बनता ही है साथ ही स्वास्थ्य का भी नाश कर दिया करता...
Continue reading »
February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
मिलावट – एक महारोग मिलावट से अभिप्राय है कि प्राकृतिक तत्वों व पदार्थो में बाहरी , बनावटी या अन्य प्रकार के तत्त्वों व् पदार्थो का मिश्रण कर देना | यह घृणित कार्य स्वार्थी स्वभाव वाले व्यापारी वर्ग से सम्बन्धित लोगो का है जो अधिक से –अधिक मुनाफा कमा कर रातो- रात धनवान बन जाना चाहते है | ऐसे कार्यो का दुष्परिणाम कितना घातक व कितना जान – लेवा तक हो सकता...
Continue reading »
February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महानगर की समस्याएँ छोटी बस्तियाँ फैलकर गाँव , गाँव फैलकर कस्बे , कस्बे-नगर तथा नगर-महानगर में परिवर्तित हो जाया करते है , ऐसा प्रकृति का नियम है | परन्तु जब से देश के ग्रामीण उद्दोग –धन्धे नष्टप्राय: होने लगे तो नगरो तथा महानगरो का विकास प्रारम्भ होने लगा | तभी से वास्तव में महानगरीय जीवन समस्या –प्रधान बनने लगा | ग्राम- व्यवस्था के चरमराने के उपरान्त नगरो –महानगरो पर सबसे पहले...
Continue reading »
February 5, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment