Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Mandir ki Yatra “मन्दिर की यात्रा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

Mandir ki Yatra “मन्दिर की यात्रा” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

मन्दिर की यात्रा

पिछले महीने मैं बिरला मन्दिर गया। यह मन्दिर मार्ग पर स्थित है। मेरे माता-पिता भी मेरे साथ थे। हमने प्रवेश द्वार पर अपने जूते उतारे और उन्हें रैक पर रखा। हमें रैक के नम्बर वाला टिकट मिला। हमने अपने हाथ धोए और कुछ सीढ़ियाँ चढ़े। बरामदा चकोर आकार के सफेद और काले संगमरमर का बना था। यह साफ-सुथरा था तब हम कुछ गज चले। वहाँ पर देवी और देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ थीं। उनके सामने लोहे के गल्ले पड़े थे। जिनमें श्रृद्धालुओं द्वारा धन डालने के लिए स्थान बना था। मैंने दस रुपए का नोट निकाला और उसे गल्ले में डाला और भगवान राम की मूर्ति के आगे सिर नवाया। वहाँ गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती, शिव और पार्वती की बड़ी मूर्तियाँ थीं। कई जगहों पर घण्टियाँ लटक रही थीं। वातावरण निश्चल और शांत था। अगरबत्तियों की खुशबू नाक में आ रही थी। सारी जगह भक्तिपूर्ण और पवित्र लग रही थी। हमने सब तरफ दीवारों पर श्लोक खुदे हुए देखे। तस्वीरें भी खुदी हुई थीं, हमारी तरह वहाँ बहुत से लोग थे।

उनमें से कुछ श्लोक पढ़ रहे थे। कुछ देव और देवियों की मूर्तियों के आगे नतमस्तक हो रहे थे। कुछ पंडित से चरणामृत ले रहे थे। सीधे हाथ की तरफ गीता भवन है। लोग बैठे हुए थे और पवित्र भजन गा रहे थे। एक औरत ढोलकी बजा रही थी। और औरतें इक्ट्ठी गा रही थीं।। गीता भवन ऐसा लग रहा था जैसे हम स्वयं में चले गए हैं। हम वहाँ आधा घण्टा बैठे रहे। हम बाहर आए और मुख्य इमारत के पीछे चले गए। वहाँ हमने भीड़ को एक दिशा की ओर बड़ते हुए देखा। वहाँ एक बनावटी गुफा थी। हम भी उस के भीतर गए और दूसरे दरवाजे से बाईं ओर निकल आए। वहाँ खाली जगह थी। बीच में एक तालाब था। इस के दोनों ओर रास्ते थे।

पश्चिम की ओर एक उभरा हुआ चबूतरा था। कुछ लोग वहाँ खड़े हुए नज़र आए। हम एक तरफ आ गए जिस तरफ दुकाने थीं। वहा नाश्ता और पेय पदार्थ थे। हमने भी समोसे के साथ कॉफी पी। हम उस तरफ वापिस आ गए जहाँ पर पत्थर के बड़े हाथी बने हुए थे। वह अच्छा दृश्य था।

आगे हम केन्द्रीय द्वार पर आए। हमने अपनी टिकटें दीं और अपने जूते लिए। हमने दुबारा अपने हाथ धोए। हमने एक बार फिर मन्दिर की तरफ माथा टेका और टैक्सी में वापिस घर आ गए। यह एक यादगार रखने योग्य यात्रा थी।

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *