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Lota, “लोटा” Hindi motivational moral story of “Kabirdas” for students of Class 8, 9, 10, 12.
लोटा
Lota
कबीरदास ने गंगा किनारे पर स्नान कर रहे ब्राह्मण को अपना लोटा देते हुए कहा, “आप इस लोटे की सहायता से आराम से स्नान कर लीजिए।”
ब्राह्मण ने माथे पर बल डालते हुए कहा-“रहने दे !
ब्राह्मण जुलाहे के लोटे से स्नान करके अपवित्र हो जायेगा।”
कबीर ने हंसते हुए कहा-“लोटा तो पीतल का है, जुलाहे का नहीं। रही अपवित्र होने की बात, तो मिट्टी से साफ कर कई बार गंगा के पानी से धोया। यदि यह अब तक अपवित्र है तो दुर्भावनाओं से भरा मनुष्य क्या गंगा जल में नहाने से पवित्र हो जायेगा?”