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Hindi Letter “Shaher me Ghatnao ke sakshi ki hridayhinta par sampadak ko patra”, “घटनाओं के साक्षी की हृदयहीनता पर संपादक को पत्र”

घटनाओं के साक्षी की हृदयहीनता पर संपादक को पत्र

परीक्षा भवन

दिनांक…

सेवा में,

कार्यकारी संपादक,

दैनिक भास्कर,

जयपुर, राजस्थान

 

विषयः घटनाओं के साक्षी की हृदयहीनता

 

मान्यवर!

मैं जयपुर रेलवे स्टेशन पर घटी एक दुर्घटना की ओर आपका ध्यान खींचना चाहती हूँ। कल मैं अपने दफ्तर आ रही थी। मुझे स्टेशन के बाहर सड़क पर एक युवक खून से सना दिखा। पूछने पर पता चला कि अभी दस मिनट पहले तेजी से आती एक कार इसे कुचल कर चली गई। उसके आस-पास पन्द्रह-बीस लोगों का हुजूम लगा था। उसकी साँसें चल रही थीं। सब उस युवक को देखकर आगे ऐसे बढ़ जाते थे जैसे कुछ हुआ ही न हो। किसी ने पुलिस को सूचना देना तक जरूरी नहीं समझा। कोई भी उसे आधा किलो मीटर पर स्थित अस्पताल में दाखिल कराने के लिए तैयार नहीं हुआ। मैंने एक कार से उसे अस्पताल ले जाने की मदद माँगी तो चालक ने जल्दी जाने का बहाना बना दिया और बच निकला। मैंने फौरन पुलिस को फोन किया। उसे अस्पताल ले गई, पर रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। इस घटना को देखकर मेरा हृदय द्रवित हो गया। सोच में पड़ गई कि क्या मानव में दया और मानवीयता के गुणों का लोप हो गया है? वह किसी रक्त से सने व्यक्ति को देखकर भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ रहे है। मैं चाहती हूँ कि आप इस घटना के विषय में अपने समाचार पत्र में लिखें ताकि लोगों में सोई मानवता जग सके।

धन्यवाद।

भवदीय,

युक्ति भारद्वाज,

रेलवे कॉलोनी, जयपुर।

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