Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Letter “Sampadak ko Patra me Buses me Crowd hone ke karan Busses ko badhane ka Sujhav Patra”, “सम्पादक को बसों में अधिक भीड़ के कारण और बसों को बढ़ाने का सुझाव पत्र “ Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes.

Hindi Letter “Sampadak ko Patra me Buses me Crowd hone ke karan Busses ko badhane ka Sujhav Patra”, “सम्पादक को बसों में अधिक भीड़ के कारण और बसों को बढ़ाने का सुझाव पत्र “ Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes.

किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए, जिसमें बसों में अधिक भीड़ के कारण और बसों को बढ़ाने का सुझाव दिया गया हो।

सेवा में,

 

 

श्रीमान् सम्पादक महोदय,

नवभारत टाइम्स,

बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली।

मान्यवर,

आपका दैनिक-पत्र अत्यन्त ही लोकप्रिय है। दिल्ली दर्पण” नामक शीर्षक में जनता । के दुःख-दर्द की कहानी जनता की जवानी होती है। मैं भी इसी शीर्षक में दिल्ली परिवहन की असुविधाओं का उल्लेख करना चाहता हैं । आशा करता हूँ कि मेरे विचार दिल्ली परिवहन सम्बन्धी अधिकारियों को बस व्यवस्था में सुधार लाने के उपायों पर विचार करने पर विवश करेंगे।

भारत की राजधानी दिल्ली की बढ़ती भीड़ चारों तरफ दौड़-धूप में लगी है। यहाँ अधिकतर मध्यवर्गीय लोग ही रहते हैं। वे पेट्रोल के किराए बट जाने के कारण स्कटर व टेक्सी की सवारी नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें बस की सवारी ही करनी पड़ती है, क्योंकि बस एक सस्ता यातायात का साधन है। जनसंख्या इतनी है कि बस फटाफट और ठसाठस भर जाती है। बाकी यात्रियों को काफी समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इस से वे कार्यालयों, विद्यालयों व अन्य दफ्तरों में देर से पहुंचने पर उच्च अधिकारी की डाँट सुनते हैं। ऊपर से कई बार जेव भी कट जाती है। स्त्रियों की दशा दयनीय है। भीड़-भाड़ में स्त्रियों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। कई समाचार-पत्रों में इस समस्या के उल्लेख पढ़ने को मिलते हैं किन्तु कई वर्षों से बस व्यवस्था में संतोषजनक सुधार नहीं हो पाया है। इसलिए केन्द्रीय सरकार से हम अपील करते हैं कि इस विषय पर विचार-विमर्श करें। दिल्ली महानगर में रहने वाली जनता को समुचित बस सविधाएँ प्रदान की जाएं।

धन्यवाद।

भवदीय,

क, ख, ग,

दिनांक : 3 मार्च, 1999

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