Hindi Letter “Prata Kal ki sair ke labh ke bare me putra ko patra”,”प्रातःकाल की सैर के लाभ के बारे में पुत्र को पत्र” Hindi Letter for Class 10, 12 and Graduation Classes.
प्रातःकाल की सैर के लाभ के बारे में पुत्र को पत्र
Prata Kal ki sair ke labh ke bare me putra ko patra
पंजाबी बाग,
नई दिल्ली।
7 जनवरी, 2012
विषय : प्रातःकालीन भ्रमण से लाभ
प्रिय मोहित,
शुभाशीष ।
तम्हारा पत्र मिला। यह जानकर कि तम्हारा स्वास्थ्य आजकल ठीक नहीं रहता। मुझे बड़ी चिंता हुई। तुमने लिखा है कि तुम्हें ठीक प्रकार से भूख नहीं लगती तथा खाना हजम नहीं होता। बड़ा आश्चर्य है कि पहाड़ी स्थान पर भी तुम्हें ये परेशानियाँ हो रही हैं जहाँ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए जाते हैं।
प्रातः भ्रमण के विषय में तुम पहले भी आलसी रहे हो। मुझे लगता है कि तुमने अब सुबह घूमने जाना छोड़ दिया है। इसी से तुम्हें अजीर्ण हो गया है। सवेरे उठकर भ्रमण एवं हल्का व्यायाम करो, पुनः गालों की लालिमा लौट आएगी, भूख भी खुलकर लगने लगेगी तथा खाया-पिया सब आसानी से पचने लगेगा। प्रातःकालीन सैर स्वयं पाचनक्रिया को व्यवस्थित कर देगी। पढ़ना-लिखना आवश्यक है किंतु स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी अनिवार्य है।
तुम्हारा पिता
शरद