Hindi Letter “Pita ko patra me varnan karo ki tumne pariksha kaisi di hai ” Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes
अपने पिता को पत्र में वर्णन करो कि तुमने परीक्षा कैसी दी है
Pita ko patra me varnan karo ki tumne pariksha kaisi di hai
401-डी-सी, अवलोकपुरम,
बनारस
दिनांक: 4 मई, – 2017
पूज्य पिताजी,
मुझे आपका पत्र प्राप्त हुआ। समाचार ज्ञात हुए। मेरी परीक्षाएँ, अब समाप्त हो गयी हैं। अन्तिम प्रश्न-पत्र 17 मार्च का था। मुझे बड़ा आराम महसूस हुआ। मैं कुछ दिन के लिये दिल्ली जाना चाहता हूँ और अपने चाचाजी के पास ठहरना चाहता हूँ। इस कठिन परिश्रम के बाद, मैं सोचता हूँ कि परिवर्तित वातावरण मेरे लिए अच्छा होगा। चाचाजी मुझे आने के लिए पहले ही आमन्त्रित कर चुके हैं। मैं आशा करता हूँ कि आप मुझे इजाजत देंगे।
आपने पत्र में मेरी परीक्षा-सम्पादन के बारे में जानने की उत्सुकता व्यक्त की थी। इसकी चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने इसके लिये स्वयं को भली प्रकार तैयार कर लिया था। इसीलिये मुझे परीक्षा से पहले कोई तनाव नहीं था। मुझे केवल प्रश्न प्राप्त करने तथा उनके उत्तर देने की उत्सुकता थी। मुझे सभी प्रश्न-पत्र बहुत आसान लगे। गणित में दो प्रश्नों में भ्रमित हुआ। अन्य प्रश्न सरल थे। अंग्रेजी तथा हिन्दी के प्रश्न-पत्रों में मुझे समय की कमी का सामना करना पड़ा। सामाजिक विज्ञान के प्रश्न-पत्र भी सरल थे और अपेक्षा के अनुकूल थे, परन्तु मुझे सभी प्रश्न हल करने लिये बहुत तेज लिखना पड़ा था। विज्ञान में मैंने बहुत अच्छा किया। सभी प्रश्न सम्भावित थे। उनका उत्तर देने के लिये भी बहुम समय था। मैंने ये प्रश्न-पत्र भी सन्तुष्टिपूर्वक किये हैं।
परीक्षा के पश्चात् मैंने अपने मित्रों के साथ प्रश्न-पत्र पर विचार-विमर्श किया। इस विचार-विमर्श से मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि परीक्षा में मेरा कार्य बहुत अच्छा रहा था। मुझे अच्छे अंक प्राप्त होने का विश्वास है।
परीक्षाफल आने के पश्चात् मैं अपनी आगामी पढ़ाई विज्ञान विषय में जारी रखना चाहता हूँ।
आप जानते हैं कि विज्ञान मेरा प्रिय विषय है। मुझे आशा है कि आप इस पर कोई आपत्ति नहीं करेगे। हम आपके आगमन की प्रतीक्षा में हैं।
हम सभी का सादर नमस्कार स्वीकार करिए।
सम्मान सहित।
आपका प्रिय पुत्र,
विवेक