Hindi Letter “Mitra ko Vidyalaya me Pratham din ke Anubhav batate hue ek Patra”,”मित्र को विद्यालय में प्रथम दिन का अनुभव बताते हुए एक पत्र”. Letter for Class 10, 12 and Graduation Classes.
मित्र को विद्यालय में प्रथम दिन का अनुभव बताते हुए एक पत्र
Mitra ko Vidyalaya me Pratham din ke Anubhav batate hue ek Patra
साकची,
जमशेदपुर।
29 अप्रैल, 2012
विषय : विद्यालय में प्रथम दिन का अनुभव
प्रिय अमित,
नमस्ते।।
मैं अब तुमसे दूर एक नये विद्यालय में पढ़ रहा है। इस विद्यालय में मेरा पहला दिन कैसा रहा, इसके संबंध में संक्षिप्त चर्चा कर रहा हूँ। 15 अप्रैल, 2010 को मैं नियत समय पर अपने विद्यालय पहुँचा। प्रार्थना के बाद मैं अपनी कक्षा में चला गया। मैं वहाँ चुपचाप
अपनी सीट पर बैठा था। वहाँ सभी अपरिचित थे। अतः मुझे कुछ अजीब-सा लग रहा था। किसी तरह लंच होने तक मैं कक्षा में बैठा पढ़ता रहा। लंच के समय संयोगवश मेरी कक्षा के कुछ छात्र मेरे निकट आए। इनसे कुछ बातें हुईं। उनके अच्छे व्यवहार से मेरा अकेलापन दूर हुआ। सभी शिक्षकों ने अपने-अपने विषयों को बहुत अच्छी तरह पढ़ाया। छुट्टी होते-होते मेरी मायूसी खुशी में तब्दील हो गई। शेष अगले पत्र में |
तुम्हारा मित्र
शरद