Hindi Letter “Chote Bhai ko Shishtachar ke Mahatv par Patra” , “छोटे भाई को शिष्टाचार के महत्व पर पत्र ” Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes
अपने छोटे भाई को शिष्टाचार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक पत्र लिखिए।
Chote Bhai ko Shishtachar ke Mahatv par Patra
दून स्कूल
देहरादून
11 दिसम्बर, – 2017
प्रिय अनुज,
पिताजी ने मुझे लिखा है कि तुम बुरी संगत में पड़ गए हो। तुमने झूठ बोलना और घर सबके साथ, पड़ोस मंे तथा स्कूल में बुरा व्यवहार आरम्भ कर दिया है। यह तुम्हारी ओर से बुरी बात है। कोई भी आदमी बुरे बर्ताव या व्यवहार या अशिष्ट व्यवहार करते वाले व्यक्ति को न तो पसन्द करता है और न चाहता है।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज मंे अच्छी तरह जीवन बिताने के लिए हर एक के साथ शिष्ट व्यवहार अपनाना चाहिये। अच्छे या शिष्ट व्यवहार की एक सभ्य आदमी को जानवर से अलग करते हैं। वे और प्रतिष्ठा पाते है। वे व्यक्ति की वर्तमान योग्यता को ही नहीं बल्कि उसकी भविष्य की महानता निश्चित करते हैं।
एक शिष्टाचार व्यक्ति अपने मित्रों के बीच प्रसिद्व होता है। उसे चरित्रवान और ईमानदार समझा जाता है। वह सदा नम्र, मिलनसारच विनीत और शांत स्वभाव का होता है। वह सदा जरूरतमदों की सहायता करता है और महिलाओं तथा वृद्धों के प्रति विशिष्ट सम्मान प्रदर्शित करता है। वह कभी भी किसी व्यक्ति का उपहास नहीं करता है। उदारता घर मंे सीखी जाती है। घर तथा पड़ोस में तुम्हें बड़ों के प्रति सम्मान दिखाना चाहिये और अपने से छोटों को प्यार देना चाहिये।
शिष्टाचार एक विशालता लिए हुए शब्द है। इसमें एक शिष्ट व्यक्ति लाइन में अपनी बारी से काम करता है। वह अपने बैठने के स्थान को वृद्धों तथा अपाहिजों को देता है। वह कभी सार्वजनिक सम्पति को नुकसान नहीं करता है।
मैं तुम्हें सलाह देता हूँ कि तुम उचित व्यवहार करो। तुम जहाँ भी जाओगे निश्चय ही दूसरों का प्यार तथा सम्मान पाओगे। जीवन को मधुर बनाने में नम्रता का प्रदर्शन, सुहानुभूति और मदद करने की भावना का बहुत बड़ा हाथ है। तुम्हारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए, तुम दूसरों के साथ ही व्यवहार करो। जैसा तुम अपने साथ चाहते हो। जीओ और जीने दो एक श्रेष्ठ नियम है। घृणा, द्वेष, चिड़चिड़ा स्वभाव और तुच्छ बातों पर झगड़ने की प्रवृति शिष्टाचार के शत्रु हैं।
मैं आशा करता हूँ कि तुम भविष्य में एक शिष्टाचारी व्यक्ति सिद्ध होगें।
प्यार के साथ, तुम्हारा प्रिय,
सम्पूर्णानन्द
Good morning