Hindi Letter “Bal-Vivah par niyantran ke liye Sampadak ko Patra”, “बाल विवाह पर नियंत्रण के लिए संपादक को पत्र” for Class 10, 12.
बाल विवाह पर नियंत्रण के लिए संपादक को पत्र
परीक्षा भवन
दिनांक….
सेवा में,
कार्यकारी सम्पादक,
देनिक भास्कर,
नोएडा।
विषय : बाल विवाह पर नियंत्रण के लिए
महोदय,
आए दिन टेलीविजन और समाचार पत्रों से ऐसी सूचनाएँ मिलती रहती हैं जिनसे पता चलता है कि भारत में अब भी कई स्थानों पर बाल-विवाह जैसी कुप्रथा प्रचलित है। मैं आपका ध्यान उन राज्यों की ओर खींचना चाहता है। ये वे राज्य हैं जिनमें इक्कीसवीं शताब्दी में भी बाल-विवाह प्रथा जारी है। विशेष रूप से राजस्थान के डूंगरपुर तथा बाँसवाड़ा; उत्तर प्रदेश के कुण्डा और प्रतापगढ़ छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के आसपास के गाँव, दूरदराज के अनेक गाँवों में आज भी माता-पिता अपने बच्चों का 5 से 10 वर्ष की आयु के भीतर विवाह कर देते हैं। बाल-विवाह के कारण होने वाले बरे नतीजे भी इन लोगों के सामने आ रहे हैं। हालांकि ये लोग बाल विवाह की वजह से होने वाली परेशानियों से अच्छी तरह परिचित हैं तथापि प्रथा बंद नहीं कर रहे हैं। यह बुराई समाज को लगातार खोखला बना रही है। अगर इस तरह का प्रयास कोई माता-पिता करते हैं तो उन्हें कानून के हवाले किया जाना चाहिए और दोषियों को कम से कम पाँच वर्ष की सजा मिलनी चाहिए। सरकार को इन क्षेत्रों में प्रचार माध्यमों के जरिए इस कुप्रथा के खिलाफ जबरदस्त प्रचार करना चाहिए।
भवदीय,
लाल मणि त्रिपाठी,
नरेला, दिल्ली