Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Yatayat Ke Niyam”, “यातायात के नियम” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
यातायात के नियम
Yatayat Ke Niyam
जीवन में जितने भी कार्य मानव के द्वारा किए जाते हैं। उन सबको सही ढंग से संपन्न करने के कुछ विशेष नियम होते हैं। यदि हम उन नियमों का पालन करते हैं तो हमारी सफलता की संभावना अधिकतम और असफलता की संभावना न्यूनतम होती है।
यहाँ हम यातायात के नियमों के विषय में बताना चाहते हैं। जब हम किसी सड़क पर चल रहे हैं तब हमें अपनी बाईं ओर चलना चाहिए, जिससे पीछे आनेवाले वाहनों को आगे निकलने का रास्ता मिल जाए। यदि हम किसी वाहन में जा रहे हो और हम दूसरे वाहनों से आगे निकलना हो तो हमें दाईं ओर से निकलना चाहिए।
जब हम किसी चौराहे पर खड़े हों तो हम चौराहे के पास एक खंभे पर कई बत्तियों को जलते देखते हैं, जिनसे हम संकेत पाते हैं। जब हमे अपने सामने लाल बत्ती जलती दिखाई दे तो हमें रुक जाना चाहिए। ऐसा करने के लिए सिपाही भी संकेत करता है। इसके बाद हरी बत्ती जलने पर ही आगे बढ़ना चाहिए। पीली बत्ती का संकेत होता है आप सतर्क हो जाएँ, आगे रुकना या चलना है। आगे बढ़ने के बाद हमें जिस ओर जाना हो उस ओर तथा बाईं ओर चलना चाहिए। सड़क पार करने से पहले बाईं ओर दाईं ओर अवश्य देख लेना चाहिए। सड़क पार करते समय पीछे आने वाले वाहनों के हॉर्न का ज़रूर ध्यान रखना चाहिए। सड़क पर सूचनापट्ट लगे रहते हैं-‘दुर्घटना से देर भली’, ‘धीरे चलें’, ‘सफर को आनंदपूर्वक पूरा करो’। ये बातें हमारी भलाई के लिए लिखी जाती हैं।
अतः हमें यातायात के सभी नियमों का पालन करना चाहिए और अपना वाहन औसत गति से चलाना चाहिए। ये नियम हमें सुरक्षा देते हैं तथा हमारे जीवन की खुशियों को बनाएँ रखने में सहायक होते हैं।