Hindi Essay/Paragraph/Speech on “क्रिस्टीन ओटो” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
क्रिस्टीन ओटो
जर्मनी : महान महिला तैराक
जन्म : 1966
पूर्वी जर्मनी की महान महिला तैराक क्रिस्टीन ओटो के पूर्व कई प्रसिद्ध तैराक हुई हैं, किन्तु जिन आयामों को उन्होंने छआ, उन तक कोई और तैराक नहीं पहुंच सकी। क्रिस्टीन ओटो ने अपने जिस करिश्मे के कारण इतिहास में उल्लेखनीय स्थान बनाया है, वह है सन् 1988 का सियोल ओलिंपिक, जिसमें उन्होंने छः स्वर्ण पदक जीतकर सर्वाधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला तैराक होने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने ये पदक चार ओलिंपिक कीर्तिमानों के साथ प्राप्त किए। सियोल में उन्होंने 50 मी. फ्री स्टाइल (25.49 से.), 100 मी. फ्री स्टाइल (54.93 से.), 100 मी. बैक स्ट्रोक, 100 मी. बटर फ्लाइ (59 से.), 4 x 100 मी. मेडली रिले और 4 x 100 मी. फ्री स्टाइल रिले मे सफलताएं अर्जित की।
इसके पूर्व क्रिस्टीन ओटो ने सन् 1982 में विश्व तैराकी (इक्वेडोर) में तीन खिताब जीते थे। सन् 1986 में हुई यूरोपियन चैंपियनशिप (मैड्रिड) में उन्होंने कई पदक जीते और 100 मी. फ्री स्टाइल में उन्होंने 54.73 से. में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।
क्रिस्टीन ओटो का जन्म 7 फरवरी, 1966 को लिपजिग (जर्मनी) में हुआ था। उनके पिता प्राध्यापक थे। प्रारंभ में वह खेल-कूद में हाथ आजमाती रहीं। तैराकी में वह काफी बाद में आई। सन् 1985 में उन्हें पीठ में गंभीर चोट लगी। तब उन्हें अपना कैरियर समाप्तप्राय सा लगा, परंतु अभूतपूर्व कामयाबियां उनका इंतजार कर रही थीं। एक वर्ष में ही वह दृढ़ निश्चय एवं भरपूर आत्मविश्वास के साथ पुनः तरणताल में कूद पड़ीं।
क्रिस्टीन की रुचि खेल पत्रकारिता में है। सन् 1989 में उन्होंने तैराकी से संन्यास ले लिया। मगर अल्प समय में उन्होंने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं, वे लंबे समय तक खेल प्रेमियों द्वारा याद की जाती रहेंगी।