Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Tsunami Prakritik Aapada”, “प्राकृतिक आपदा के रूप में सुनामी” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
प्राकृतिक आपदा के रूप में सुनामी
Tsunami Prakritik Aapada
प्राकृतिक आपदा का अर्थ होता है प्राकृतिक रूप से किसी तरह की कोई विपत्ति का आना। फिर चाहे वह सुनामी के रूप में हो, भूकंप के रूप में, बाढ़ के रूप में या फिर सूखे के रूप में वह किसी भी प्रकार की विपदा हो सकती है।
सीधे तौर पर अगर हम किसी भी प्राकृतिक आपदा की सतह पर जाँच करेंगे तो पाएंगे कि वह हम मानव की ही देन है। हम जो प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ करते हैं, जगह जगह पर वृक्षारोपण की जगह वृक्षाशोषण करते हैं कहीं न कहीं यही उसके लिए जिम्मेदार है।
किसी महापुरुष ने सच ही कहा है कि विज्ञान भले ही हमारे काम आसान कर दें पर समय से पहले काम तमाम करने में भी विज्ञान का ही हाथ रहेगा।
सुनामी, यह भी एक प्रकार की प्राकृतिक आपदा ही है, जो पिछले जो वर्षों से अस्तित्व में आई है। सुनामी को हम समुद्री तूफान कह सकते हैं।
सुनामी एक जपानी शब्द है। इसमें समुद्र की लहरों में एक प्रकार का तरंग उठता है जो अपने साथ जो भी आए उसे बहा ले जाता है। यह तरंग उठती तो केवल 5-10 मिनट के लिए ही है पर यह आस पास के क्षेत्र को तबाह कर 5-10 साल के लिए पीछे ढकेल देती है।
हम कह सकते हैं कि सुनामी नामक लहरे बड़ी भयंकर होती है। समुद्र वैज्ञानिकों ने इसे अंग्रेजी में नाम दिया है- जियोलॉजिकल टाइम बम।
हाल ही में आए सुनामी में लोगों ने देखा कि किस तरह से सुनामी लहरें बीच से किनारे की तरफ पहुँच रही थी वैसे ही वैसे वह अपनी ऊंचाई एवं मोटाई भी फैला रही थी। यह देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे समुद्र में कोई दानव छुपा बैठा हो और वह समय आने पर उठ खड़ा हो अपनी सुस्ती मिटा रहा है।
वैसे समुद्र वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानकारी दी कि जब किसी भी क्षेत्र में कोई शक्तिशाली भूकंप आता है, तब जल के ऊपरी सतह पर केन्द्रीय बिन्दु से कुछ। सेंटीमीटर लंबी जल की वृत्ताकार तरंगें निकलकर आगे प्रसारित होने लगती है। उत्पत्ति के समय ये तरंगें हानिकारक नहीं होती, पर जैसे-जैसे ये लहरें छिछले जल वाले तटवर्ती क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं, वे अपना रूप बदलकर विनाशकारी होने लगती हैं। जो भी इनके रास्ते आता है उसे वह अपने में सिमट लेती हैं। हम कह। सकते हैं कि यह एक जेट विमान से भी तीव्र गति से आगे बढ़ती है।
हाल ही में सुनामी को लेकर एक समुद्र वैज्ञानिक ने अपने लेख में इसके उत्पन्न होने की क्रिया पर लिखा था। उसके लेखानुसार सुनामी निम्न प्रक्रिया से उत्पन्न होती है- जब सागर के अंदर उठा-पटक की शक्ति जलस्तंभ को उठा देती है। साथ ही जब गुरुत्वीय प्रभाव से जल में ऊपर से हलचल बढ़ती है।
इसके साथ ही उस समुद्र वैज्ञानिक ने सुनामी से पड़ने वाले प्रभावों की भी जानकारी दी। सन् 2004 तक इतिहास के अनुसार अब तक 5 बार सुनामी आ चुका है। जिसमें कुल मिलाकार लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
जितना हम विज्ञान का लाभ अपनी सुविधाएँ बढ़ाने के लिए प्रयोग में ला रहे हैं। उतना ही हम अपने विनाश को अपने करीब लाते जा रहे हैं।