Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Roktham” , ”रोकथाम” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
रोकथाम
Roktham
शराब पीने पर कानूनी रोकथाम लगाई गई है। शराब पीना इस समाज के सबसे तत्वों में से एक है। यह पारिवारिक जीवन को नष्ट कर देती है। यह सामाजिक खराब कर देती है। यह व्यक्ति को कमजोर कर उसकी सेहत पर बुरा प्रभाव डालती है। इसलिए यह कहा जाता है कि जब शराब अंदर हो तो बुद्धि बाहर होती है। शराब पीने से अधिक दुर्घटनाएँ, लड़ाइयां तथा अपराध होते हैं। इसलिए इस पर रोकथाम लगाने की आवश्यकता है।
ऐसे लोग भी हैं जो इस पर रोकथाम लगाने का विरोध करते हैं। वह कहते है कि पीने से जीवन में आनंद मिलता है। यह व्यक्ति को जीवन की तकलीफों से छुटकारा दिलवाती है। एक दूसरा बयान जो रोकथाम के खिलाफ दिया जाता है वह यह है कि इससे सरकारी कर को नुकसान होता है। इससे कई बुराइयां भी पैदा होती हैं। फिर भी पक्के पीने वाले की पीना छोड़ते नहीं हैं। कानून तोड़ना उनकी आदत होती है। शराब को चोरी बनाना तथा गैर कानूनी तरीके से बेचना अब आम होता जा रहा है।
वास्तव में रोकथाम लगाना असफल हो चुका है। तमिलनाडू तथा महाराष्ट्र में इसकी असफलता देखी जा सकती है। इसके फलस्वरूप रोकथाम लगाने वाले लोगों में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। गुस्साए विरोधी सामने आ रहे हैं। इसलिए कई राज्यों में इसकी रोकथाम को या तो बन्द कर दिया गया है या आगे बढ़ा दिया गया है।
लोगों को शराब पीने से रोकना चाहिए। यह कार्य शिक्षा तथा प्रोत्साहन से किया जा सकता है। रोकथाम एक अच्छा राजनीतिक कदम है किन्तु एक बुरा वैज्ञानिक सिद्धांत है। हम रोकथाम लगाकर एक नियमित पीने वाले को रातों-रात हटा नहीं सकते। यह कहा जाता है कि शराब का बहुत हल्का-सा सेवन दवाई का कार्य करता है। इसलिए शराब का इस्तेमाल तब तक रहेगा जब तक धरती पर इंसान रहेगा।