Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ravindra Nath Tagore”, “रवींद्रनाथ टैगोर” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
रवींद्रनाथ टैगोर
Ravindra Nath Tagore
रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गुरुदेव’ के नाम से भी जाना जाता है। यह उपाधि इन्हें महात्मा गांधी ने दी थी। इनका जन्म 7 मई, सन् 1861 को द्वारकानाथ टैगोर लेन कोलकाता में हुआ था। इनके पिता का नाम देवेंद्रनाथ ठाकुर था। इनके पिता धार्मिक विचार के थे और समाजसेवी थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई। अपने जीवन में रविबाबू 11 बार विदेश गए। इनका विवाह 17 वर्ष की आयु में मृणालिनी देवी के साथ हुआ। ‘गीतांजलि’ इनकी विश्वविख्यात रचना है। इस रचना के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे पहले भारतीय थे। हमारा राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ रवि बाबू की ही रचना है।
ब्रिटिश सरकार ने इन्हें ‘सर’ की उपाधि से भी सम्मानित किया। इन्होंने प्रथम बार 15 वर्ष की अवस्था में एक मेले में जनता के बीच अपनी कविता का पाठ किया था। ‘शांति-निकेतन’ की स्थापना गुरुदेव ने ही की थी। आज यह विश्वप्रसिद्ध शोध तथा शिक्षा संस्थान है।
रवि बाबू को गुर्दे की बीमारी थी। 7 अगस्त, 1941 को इनका देहावसान हो गया। ये भारत के विश्वविख्यात कालजयी रचनाकार थे। हम भारतवासी रवि बाबू पर गौरव महसूस करते हैं।