Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mere Vidyalaya ka Pustkalaya”, “मेरे विद्यालय का पुस्तकालय” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
मेरे विद्यालय का पुस्तकालय
Mere Vidyalaya ka Pustkalaya
मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय है। यह पुस्तकालय एक बहुत बड़े कमरें में है। इस कमरे मंे लगभग 20 अलमारियाँ हैं। इन अलमारियों में विभिन्न विषयों की पुस्तकों को बहुत ही सहेजकर रखा गया है। हमारे पुस्तकालय के अध्यक्ष ने इन पुस्तकों को विभिन्न शीर्षकों में बाँटकर सुचीबद्ध कर रखा है, ताकि हमें अपनी इच्छानुसार पुस्तकें ढूँढ़ने में सुविधा रहे। हमारे पास पुस्तकालय की सदस्यता के दो कार्ड हैं, जिन पर हमें दो सप्ताह के लिए पुस्तकें मिल जाती हैं। हमारे पुस्तकालय में लगभग पाँच हजार पुस्तकें हैं। इनमें अनेक पुस्तकें बहुत कीमती हैं, जिन्हें हमारे लिए खरीदना संभव नहीं है। इन्हें इस पुस्तकालय से लेकर ही पढ़ते हैं।
मेरे पुस्तकालय के अपने नियम हैं, जिनका पालन करना हमारे हित मंे है। हम पुस्तकालय में शान्तिपूर्ण वातावरण बनाए रखते हैं, ताकि अध्ययन करने वाले को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
मेरे पुस्तकालय में पुस्तकों के अतिरिक्त अनेक समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ भी आती हैं। इनको पढ़कर जहाँ हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है, वहीं हमारा पर्याप्त मनोरंजन भी होता है। अनेक पत्रिकाएँ ज्ञानवर्धक लेखों के साथ-साथ रोचक सामग्री भी प्रस्तुत करती हैं। इस प्रकार मेरा पुस्तकालय बहुपयोगी बन गया है।
पुस्तकालय का सुदपयोग करना चाहिए। पुस्तकालय के नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है। हमारे प्रत्येक व्यवहार में अनुशासन होना चाहिए। हमें अन्य पाठकों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए। पुस्तकालय में शांति बनाए रखना नितांत आवश्यक है। पुस्तकालय निर्धन वर्ग के छात्रों के लिए तो वरदान स्वरूप हैं, इसके साथ-साथ शोध कार्य में लगे विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय का बहुत महत्व है।
विद्यालय में पुस्तकालय का विशेष महत्व है। पुस्तकालय के बिना विद्यालय की वह स्थिति होती है जो औषधियों के बिना चिकित्सालय की। पुस्तकालय ज्ञान-पिपासा शांत करने का केंद्र है। हमें इसका पूरा उपयोग करना चाहिए।