Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Maria Montessori” , ”मारिया मांटेसरी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मारिया मांटेसरी
Maria Montessori
इटली : नई शिक्षा पद्धति की व्याख्याकार
जन्म : 1870 मृत्यु : 1952
मारिया मांटेसरी का संबंध शिक्षा जगत से है। उन्होंने ही मांटेसरी शिक्षा पद्धति को जन्म दिया था। आज के मांटेसरी स्कूल उन्हीं की देन हैं। इनमें बच्चों के मनोविज्ञान के अनरूप । उन्हें स्वतंत्र तथा रुचिपूर्ण शिक्षा दी जाती है।
मारिया मांटेसरी का जन्म सन् 1870 में इटली में हुआ था। वह एक संपन्न परिवार की सदस्या थीं। इसलिए उन्हें अपनी शिक्षा-दीक्षा में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने रोम विश्वविद्यालय से एम.डी. की डिग्री ली। उस समय वह मात्र चौबीस वर्ष की थीं। वह आगे चलकर इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगी। कुछ समय बाद उन्होंने मंदबुद्धि के बच्चों की शैक्षणिक दशा में सुधार लाने के लिए गहन परिश्रम एवं शोध के बाद एक नई शिक्षा प्रणाली तैयार की और उसे विद्यालयों में आजमाया। इसमें उन्हें पर्याप्त सफलता मिली। फलस्वरूप वह दूसरे देशों में अपनी शिक्षा पद्धति का प्रचार-प्रसार करने निकल पड़ीं। उन्हें कई देशों ने आमंत्रित किया। वह भारत भी आई थीं। बाद में हालैंड में उनका देहांत हुआ। वह थियोसोफिकल विचारधारा 7 से प्रभावित थीं।
मारिया मांटेसरी की प्रमुख रचनाएं हैं, ‘मांटेसरी मेथड’, ‘द सीक्रेट ऑफ चाइल्डहुड’, ‘चाइल्ड ट्रेनिंग’, ‘द डिस्कवरी ऑफ द चाइल्ड’ और ‘ऐजुकेशन फॉर ए न्यू वर्ल्ड’।
मारिया ने व्यावहारिक शिक्षा की ओर ज्यादा जोर दिया है। उनकी राय में बच्चों के विकास में शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, नैतिक तथा सामाजिक परिस्थितियों का ध्यान रखा जाना चाहिए। वह विकलांग तथा मंदबुद्धि बच्चों को ऐसी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहीं, जिससे वह भी साधारण बच्चों की तरह अपना विकास कर सकें। उन्होंने शिक्षा को एक प्रक्रिया माना है। मांटेसरी ने अपने पाठ्यक्रम में गणित, संगीत, नृत्य, खेल-कूद तथा रोचक गतिविधियों का समावेश किया। इसके लिए उन्होंने कई उपकरण भी सुझाए, जिनकी मदद से बच्चों को जटिल बातें आसानी से सिखलाई जा सकती हैं।
मांटेसरी पद्धति के अनुसार बच्चों को दंड एवं पुरस्कार दोनों से दूर रखा जाता है। यह शिक्षा तीन से सात वर्ष की आयु के बच्चों के लिए होती है। इस प्रणाली का प्रसार अब भारत में भी बड़ी तेजी के साथ हो रहा है।