Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Khiladi Bhawna” , ”खिलाड़ी भावना” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
खिलाड़ी भावना
Khiladi Bhawna
खिलाड़ी-भाव का अर्थ है कि खेल के नियमों के अनुसार खेल खेलना। एक सच्चा खिलाड़ी इन नियमों को अपने व्यक्तिगत जीवन में भी लागू करता है। खिलाड़ी भाव खेल को सही ढंग से खेलने में मदद करता है। कोई दूसरे से धोखा नहीं करता तथा गलत खेल का विरोध करता है। खिलाड़ी कभी भी अपने प्रतिद्वन्दी की कमियों का गलत फायदा नहीं उठाता। अनुशासन का पालन करना उसके जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।
टीम में खेलने की भावना भी खेल-भाव का महत्त्वपूर्ण अंग है। एक-दूसरे के साथ के बिना जीत असंभव है। खेल-भाव दूसरों के प्रति पूरी श्रद्धा से ही पैदा होता है। खेल-भाव व्यक्ति को हार में भी खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। जब दो खिलाड़ी खेलते हैं तो हारा हुआ खिलाड़ी जीतने वाले के प्रति गलत भावना नहीं रखता।।
खेल-भाव से सदा तारीफ ही मिलती है। इससे व्यक्ति को खुशी मिलती है। समाज में जीवन व्यतीत करना और भी अच्छा हो जाएगा यदि सभी इस भावना से जीवन व्यतीत करेंगे। सभी झगड़े अच्छे तरीके से सुलझा लिए जाएंगे। माफ करो तथा भूल जाओ जीवन का सिद्धान्त बन जाएगा। आपसी मेल-जोल बढ़ेगा। प्यार तथा दोस्ती से धक्का तथा बल खत्म हो जाएगा। सभी के मन में शांति वास करेगी। सभी एक-दूसरे के लिए जीएंगे।
यह बहुत दु:ख का विषय है कि बहुत से लोग खेल-भाव का अर्थ नहीं समझते। हमारे राजनैतिक नेताओं में इस भावना की बहुत कमी है। वह अपने विरोधियों को नुकसान पहुंचाने के गलत तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। आपसी मेल-जोल तथा साफ लेन-देन की कमी है। इसके फलस्वरूप सामाजिक संस्थापना खराब हो रही है। नियमों तथा कानून की कोई इज्जत नहीं है। हर तरफ अंधकार ने जगह ले ली है। इस प्रकार की बुराइयों को दूर करने के लिए खेल-भाव का निर्माण करने तथा इसको बढ़ावा देने की आवश्यकता है।