Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Kala Dhan – Samasya evm Samadhan”, “काला धन – समस्या एवं समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
काला धन – समस्या एवं समाधान
Kala Dhan – Samasya evm Samadhan
काला धन यानि कोई काली रंग की वस्तु नहीं होती बल्कि छल और फरेब से। कमाया व छुपाया हुआ धन ही काला धन कहलाता है। काले धन की आत्मा तथा मन दोनों ही काला होता है, यानि यह छल से कमाया जाता है और छल द्वारा ही छुपाया जाता है।
काले धन को सरकारी टैक्स से बचाने के लिए अत्यंत गुप्त एवं गोपनीय तरीखे से रखा जाता है। इसका कोई विधिवत या लिखित रूप से कोई हिसाब-किताब नहीं होता। यह सिर्फ नागरिकों के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी खतरा है। इससे अर्थव्यवस्था ही खोखली हो जाती है और देश अंदर ही अंदर जलता जाता है।
काले धन का हमारे आज के जीवन में और हमारे आर्थिक व्यवहार में कितना बड़ा हाथ है, इसके तरह-तरह के अनुमान लगाए जाते हैं। बाबा रामदेव के अनशन के समय एक अर्थशास्त्री ने कहा कि हमारा आधा आर्थिक व्यापार ही काले धन के बल पर चलता है। जिस कारण सरकार की तमाम नीतियाँ निष्फल होती जा रही है।
अगर किसी नागरिक ने धन कमाया है तो उसका एक बड़ा भाग करों के द्वारा वापिस छीन लिया जाता है, धन चूंकि परिश्रम द्वारा कमाया गया है, और कर के नाम पर एक मोटा हिस्सा देने से नागरिक कतराते हैं। जिस कारण वे कर बचाने के चक्कर में आधा सरकार को दिखाते हैं और आधा ऊपर ही ऊपर निपटा देते हैं, वही ऊपर ही ऊपर वाला हिस्सा काला धन बनता है।
काले धन से एक बड़ा अनिष्टकारी प्रभाव यह पड़ता है कि समाज का अधिकांश आर्थिक कारोबार सरकार की आँखों से छिपाकर किया जाता है और सरकार को बचे-खुचे संकुचित क्षेत्र पर अपना नियंत्रण रखकर संतोष करना पड़ता है, पर एक बड़ा हिस्सा तो काले व्यापार के रूप में देश को क्षति पहुँचा रहा है।
पहले किसी जमाने में काला धन का संचय केवल सीमित लोग वह भी धनिक वर्ग ही किया करते थे, पर अब तो अधिकांश व्यापारी ही काला धन कमाने और छुपाने में व्यस्त रहते हैं। व्यापार हेतु आधा बिल में सामान आता है और आधा सामान सीधे गोदाम पहुंच जाता है।
काले धन के चंगुल से देश को बचाने के लिए सरकार को युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा, वर्तमान में सरकार ने इस संदर्भ में जो कदम उठाए हैं, उसकी भी सराहना होनी चाहिए।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से काले धन की सूचना सरकार को देता है तो कुल बरामद रकम का 60% सरकार जब्त कर लेगी। और 40% स्वेच्छा से उस व्यक्ति को सौंप दिया जाएगा।
कृषि पर करारोपण शुरु हो चुका है, जिससे काले धन की रोकथाम में मदद मिल सकेगी।
ऊंची आय वाले व्यक्तियों चाहे वह नेता हों, अभिनेता हों या फिर उद्यमी उन्हें हिरासत में लेकर काले धन को रोका जा रहा है।
विवाह के अवसरों पर पानी की तरह पैसा बहाने वालों के खिलाफ कार्यवाही हो रही है।
आज भारत में काला धन एक विषैले आग की तरह फन ठहराए खड़ा है। सरकार के समक्ष कई प्रश्नचिह्न एवं चुनौतियाँ है। अतः सरकार को भी चाहिए की वह इस विषैले नाग का फन जल्द ही कुचल डाले, वरना वह सारे देश को विषैला बना देगा।