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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Joseph Stalin” , ”जोसेफ स्टालिन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

जोसेफ स्टालिन

Joseph Stalin

 

रूस : रूस का लौह पुरुष

जन्म : 1879 मृत्युः 1953

 

स्टालिन को रूस का ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है। उसका वास्तविक नाम जोसेफ विसारियोनोविच था, परंतु संसार उसे सोवियत संघ के प्रधानमंत्री एवं निरंकश नेता के रूप में जोसेफ स्टालिन के नाम से ही जानता है।

स्टालिन का जन्म जार्जिया में जूता बनाने वाले एक परिवार में हुआ था। वह प्रारंभ से ही क्रांतिकारी विचारों का था। इसलिए उसे स्कल से भी निकाल दिया गया था। जार की सरकार ने क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण उसे अनेक बार गिरफ्तार किया और अंततः साइबेरिया में निर्वासित कर दिया। इन बातों से वह जार का तख्ता पलटने के लिए और भी दृढ़-निश्चयी होता गया। उसने कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों का अध्ययन करने के लिए साम्यवादी दल का सहारा लिया। सन् 1917 की रूसी राज्य क्रांति में उसने हिस्सा लिया, परंतु वह उस समय बहुत बड़ा नेता नहीं था। वह बहुत अच्छा वक्ता भी नहीं था, मगर उसमे संगठन करने की अद्भुत क्षमता थी। वह बहुत चतुर राजनीतिज्ञ भी था। सन् 1922 मे वह तरक्की करता हुआ कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बन गया। जब लेनिन साम्यवादी राज्य के संस्थापक के रूप में काम कर रहे थे, तो उनके प्रमुख सहायक ट्राटस्की थे। जनता का विचार था कि लेनिन की मृत्यु के बाद ट्राटस्की ही इस सर्वोच्च पद को संभालेंगे, परंतु क्रियात्मक रूप से अत्यंत चतर राजनीतिज्ञ होने के कारण इस दौड़ में स्टालिन बाजी मार ले गया और ट्राटस्की को सन् 1928 में निर्वासित कर दिया गया। उसके बाद स्टालिन ने पार्टी एवं सत्ता को पूरी तरह अपने नियूँत्रण में ले लिया। सारी शक्ति उसने अपने हाथ में ले ली। विरोधियों को जेल में डाल दिया गया अथवा निर्वासित कर दिया गया। कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। जिस अधिकारी पर उसे जरा भी संदेह हुआ उसे उसने निकाल बाहर किया।

हिटलर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जब रूस पर आक्रमण किया, तो स्टालिन ने जनता का आह्वान किया और भयंकर बरवादी को सहन करने के बावजूद रूस को विजयी बनाया। उस समय रूस के साथ अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर हिटलर का मुकाबला किया। यह स्टालिन की समझदारी से ही संभव हुआ था। अपने कठोर शासन्, नीति एवं विचार तथा दृढ़ इरादों के कारण उसे ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है। उसने रूस की आंतरिक स्थिति को मजबूत किया एवं उसे विघटनकारी शक्तियों से मुक्त रखा। रूसी इतिहास स्टालिन का सदैव ऋणी रहेगा।

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