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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jaanleva Mehangai” “जानलेवा महँगाई” for Class 10, 12 Examination.

जानलेवा महँगाई (Jaanleva Mehangai)

महँगाई मूल्यों में निरंतर वृद्धि, उत्पादन की कमी और माँग की पूर्ति में असमर्थता की परिचायक है। जीवनयापन के लिए अनिवार्य तत्वों रोटी, कपड़ा और मकान की बढ़ती महंगाई ने जनता को पीस कर रख दिया है। महंगाई बढ़ने के अनेक कारण हैं जिसमें जनसंख्या का बढ़ना, कृषि उत्पादनों में कमी, मुद्रा प्रसार एवं स्फीति, देश में बढ़ता भ्रष्टाचार एवं ढुलमुल प्रशासन, धन का असमान वितरण तथा घाटे की अर्थव्यवस्था समान रूप उत्तरदायी है। जितनी तेजी से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उतनी तेजी से वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसलिए व्यापारी लोग वस्तुओं की जमाखोरी करके अधिक दाम में बेचते हैं। सरकारी तंत्र भी इसे रोकने के बजाए बढ़ाने में ही मददगार हैं। महंगाई सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता ही कही जा सकती है। इसके लिए सरकार को कड़ा कानून बनाकर दुकानदार को बेची जाने वाली प्रत्येक वस्तु का मूल्य तथा उसकी कितनी मात्रा उसके पास उपलब्ध है, उसे लिखकर टाँगना अनिवार्य हो । जनसंख्या पर रोक लगाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। एक ऐसी राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता है जो महँगाई पर अंकुश लगा सके।

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