Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bharat me Loktantra aur Media”, “भारत में लोकतंत्र और मीडिया” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
भारत में लोकतंत्र और मीडिया
Bharat me Loktantra aur Media
और
लोकतंत्र और मीडिया
लोकतंत्र यानि लोगों का तंत्र (मशीन)। लोगों द्वारा लोगों का संभाला जाना ही लोकतंत्र है।
मीडिया यानि मीडियम, जिसका अर्थ है किसी दो या अनेक के बीच में रहकर संबंध बनाना। वैसे तो मीडिया अंग्रेजी शब्द है, जिसे हिन्दी में अपनाया गया है। अगर हम इसका हिन्दी रुपांतर करेंगे तो काफी लंबा हो जाएगा। पर हम इसे छोड़ भी नहीं सकते।
मीडिया एक व्यापक पारिभाषिक शब्द है जिसमें समाचार संचार के अनेकों साधन सम्मिलित है। पहले जमाने में सिर्फ अख़बार, पत्र-पत्रिकाएँ व रेडियो ही मीडिया का कार्य करते हैं, पर समय के साथ आए बदलाव ने इसके भी क्षेत्र में कई बदलाव लाए और आज का मीडिया सिर्फ बोलने वाला नहीं दिखने, दिखाने वाला भी है |
मीडिया के अंतर्गत समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को प्रिन्ट मीडिया तथा अन्य संचार समाचार संचार के साधनों को इलेक्ट्रोनिक मीडिया कहते हैं। मीडिया ने समाचार संचार के क्षेत्र में क्रांति सी ला दी, इंटरनेट के साथ मिलकर तो वाह!
क्या बात है… आप अपने घर पर ही बैठ कर अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा हो या फिर भारत के प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी के दुनियाँ में कहीं भी हो रहे कार्यक्रम को देख, सुन सकते हैं।
अगर कहा जाए की किसी भी सुचारू सरकार के चार स्तंभों में से एक स्तंभ मीडिया भी है तो यह गलत नहीं होगा क्यों कि यह तो सच्चाई है कि अगर मीडिया आप के साथ है तो आप राजा है, क्योंकि मीडिया के हाथ में है राजा को रंक और रंक को राजा बनाना।
आज लोकतंत्र के पास मीडिया नाम का वह हथियार है जिसके साथ मिलकर, हाथ थामकर वह अपने न्याय के लिए लड़ सकता है, अब उसके साथ अगर मीडिया है तो उसके साथ अन्याय हो ही नहीं सकता।
जैसे कि हम सब जानते हैं- सत्तासीन व्यक्ति सत्ता के मद में आकर थोड़ा विचलित हो जाता है, तो उसे नियंत्रण में लाने के लिए व उसे सक्रिय बनाने के लिए हम मीडिया नाम के हथियार का प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि मीडिया वह
शक्तिशाली शस्त्र है जिसमें करोड़ो-अरबों की आँखें लगी होती है।
बाबा रामदेव, अन्ना हजारे आदि आज मीडिया की बदौलत ही सत्तारुढ़ सरकार से टक्कर ले रहे हैं।
ऐसा नहीं कि केवल आम जनता को ही मीडिया का सहयोग मिलता है, यहाँ तक की सरकार भी मीडिया की मदद से अपने अभियान, जानकारी आम जनता तक पहुँचाती है वह भी क्षण भर में।
कभी-कभी तो सरकार को जो जानकारी अपने स्रोतों से नहीं हो पाती की कहाँ कहाँ उसके शासन में अन्याय व अत्याचार हो रहा है, वहीं पर मीडिया अपना रंग दिखाती है।
मीडिया ने सदैव लोकतंत्र की रक्षा करने का प्रयास किया है। कभी कभी तो मीडिया के अपने लोगों को भी किसी अभियान के तहत जेल की हवा तक खानी पड़ती है। स्ट्रींग ऑपरेशन इसका अच्छा उदाहरण है।
मीडिया के कई फायदे हैं, जैसे कहीं कोई प्राकृतिक आपदा आती है, जैसे बाढ़, अकाल, तूफान, भूकंप आदि तो हमें तुरंत इसकी जानकारी तो मिलती ही है, साथ ही हम यह भी जान सकते हैं कि वहाँ सही मदद अभी तक पहुँची या नहीं,
जिसके डर से ही क्यों न हो सरकार को भी चौंकना रहकर तुरंत मदद भेजनी पड़ती है।
अभी हाल ही में बंबई बमकाण्ड इसका प्रमाण है, कि कैसे आतंकवादियों की पल पल की खबर हमें घर बैठे मिल रही थी और हम सरकार की मदद से चिंतामुक्त हो रहे थे।
मीडिया के स्ट्रींग ऑपरेशन की मदद से ही तो चारा घोटाला, यू.टी.आई घोटाला, 2 जी स्पैक्टरम आदि सार्वजनिक हुए हैं।
मीडिया कई मानवधिकार संगठनों, पर्यावरण प्रदूषण, जनसंख्या विस्फोट आदि की जानकारी देकर लोगों की मदद भी कर रही है।
हम कह सकते हैं कि लोकतंत्र में मीडिया की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है।