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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bharat ke Rashtriya Tyohar”, ”भारत के राष्ट्रीय त्यौहार” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

भारत के राष्ट्रीय त्यौहार

Bharat ke Rashtriya Tyohar

 

नेहरू आदि ने अपना संघर्ष जारी रखा। वे जेलों में डाल दिए गए पर उनके उत्साह में कमी न आई। कई प्रकार के क्रान्तिकारी एवं अहिंसक आंदोलनों के प्रभाव से अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हो गए। सन् 1947 में 15 अगस्त को उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दे दी। भारतीय नेता ही अपने देश के शासक बने। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधान मंत्री बने। देश में खुशियाँ छा गई। जगह जगह खुशी मनाने के आयोजन हुए। दिल्ली के लाल किले पर भारत का तिरंगा लहराने लगा। रोशनियाँ की गई। भारतीयों का उत्साह उस । समय देखने योग्य था।

प्रति वर्ष 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता की खुशी में यह दिवस त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इस त्यौहार में सारा भारत खुशियों में लिप्त रहता है।

15 अगस्त 1947 को हम स्वतंत्र तो हो गए पर यह स्वतंत्रता अधूरी थी। अंग्रेजों के बनाए गए नियम और कानून ही हम पर लागू होते थे। हमें उनको बदलना था। भारत देश की प्रकृति एवं समाज के अनुकूल, जो भारतीयों को गौरव दिलासके – ऐसे नियम बनाने की आवश्यकता थी। इसके लिए एक संविधान सभा बनाई गई। देश के ख्यातिनामी वकील और बैरिस्टरों की एक संविधान सभा बनाई गई। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं अम्बेड़कर जैसे लोग इस सभा के सदस्य थे। अनेकों महापुरुषों ने मिल कर देश के लिए संविधान तैयार किया। लगभग 4 वर्षों में यह संविधान तैयार किया गया।

भारत का यह नया संविधान भारतीयों की प्रकृति के अनुकूल था। इसे भारत में 26 जनवरी 1950 से लागू कर दिया गया। इसी दिन से भारत एक गणतंत्र बन गया। नए गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंन्ट प्रसाद बनाए गए। यह अपार हर्ष का अवसर था। भारत वास्तविक रूप से इसी दिन स्वतंत्र माना गया। इस दिन से हम अपने ही कानून से शासित होना प्रारंभ हुए।

इस प्रकार भारत के इतिहास में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस महत्व पूर्ण दिवस हैं। प्रतिवर्ष ये दोनों दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाए जाते हैं। पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस का नेता प्रधान मंत्री होता है, तो गणतंत्र दिवस 26 जनवरी का नेता राष्ट्रपति होता है। दिल्ली में लालकिले पर 15 अगस्त को प्रधान मंत्री तिरंगा लहराते हैं, तो 26 जनवरी को यह काम राष्ट्रपति करते हैं।

स्कूलों और कालिजों में इन दोनों ही पर्वो पर झण्डा वन्दन किया जाता है। “जन गण मन” का राष्ट्र गीत गाया जाता है। सभी सरकारी भवनों पर झण्डे लहराए जाते हैं। देश भक्ति के गीत गाए जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मचजाती है।

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में विजय चौक पर सेना की परेड होती। है। राष्ट्रपति सलामी लेते हैं। तोपों की आवाज से आसमान पूँज उठता है। विभिन्न विभाग एवं प्रांत अपने-अपने प्रदेश की झाँकियाँ प्रस्तुत करते हैं। सेना भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है। दिन भर धूम-धाम से व्यतीत करके रात में सरकारी भवनों पर रंग बिरंगे प्रकाश दीप जलाए जाते हैं। उत्साह और आनंद से देश भर जाता है।

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