Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Ben Johnson ” , ”बेन जानसन्” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
बेन जानसन्
Ben Johnson
कनाडा : विश्व चर्चित धावक
कम दूरी की दौडों में आज के चर्चित धावकों में कनाडियन एथलीट बेन जानसन् का नाम प्रमुख है। महिलाओं में मेरी डेकर और ‘फ्लो जो’ के नाम से जानी जाने वाली जोला बड़ की तरह पुरुषों में कार्ल लुईस और बेन जानसन् की प्रतिद्वंद्विता जग-जाहिर है।
बेन जानसन् का जन्म जमैका में हुआ था। वह अपने पिता की छठी संतान हैं। उनका बचपन आर्थिक तंगी के बीच गजरा। कुछ समय बाद बेन की मां ग्लोरिया अपने परिवार के साथ कनाडा आ बसी। बेन को एथलीट बनने की प्रेरणा अपने भाई एडवर्ड से मिली। बाद में चार्ली फ्रांसिस नामक प्रसिद्ध प्रशिक्षक ने उनकी प्रतिभा को संवारा। उनका स्टाटिंग समय 0.129 विशेषज्ञों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है।
बेन जानसन् ने सन् 1982 के राष्ट्रमंडलीय खेलों में रजत तथा सन् 1984 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में कांस्य पदक से विजयश्री की शुरुआत की। सन् 1985 में वर्ल्ड कप (कैनबरा) तथा सन् 1986 में गुडविल-गेम्स (मास्को) में वह अमरीका के कार्ल लुईस को परास्त करने में सफल हुए। फिर अगस्त, 1987 में विश्व एथलेटिक्स स्पर्धा (रोम) में जानसन् ने 9.83 से. के समय में विश्व रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता, जिसे अभी तक नहीं तोड़ा गया है। तब से उनकी गणना विश्व के चोटी के एथलीटों में होने लगी। सन् 1988 में सियोल ओलिंपिक प्रारंभ होने के पूर्व तक बेन जानसन् ने अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी कार्ल लुइस को कई बार हराया तथा स्वयूँ भी हारे। 24 सितंबर, 1988 को सियोल के ओलिंपिक स्टेडियम में बेन जानसन् ने 100 मी. की दौड़ 9.97 से. में पूरी करके ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीता और दुनिया के सबसे तेज धावक बन गए। कार्ल लुइस इस मकाबले में दूसरे स्थान पर रहे। यह इस शताब्दी के सर्वाधिक चर्चित खेल मुकाबलों में शामिल है. लेकिन दो दिन बाद ही जानसन् को ड्रग लेने का दोषी पाने पर उनसे स्वर्ण पदक वापस ले लिया गया। यह पदक लुईस को दे दिया गया। इस सन्सनीखेज घटना के बाद जानसन् को कनाडा कीनागरिकता से ही वंचित कर दिया गया।
दो वर्ष तक सभी दौड स्पर्धाओं से निष्कासित रहने के बाद बेन जानसन् पुनः खेल जगत में आ गए हैं। अपनी वापसी पर ‘डग फ्री’ बेन जानसन् ने दावा किया था कि अच्छा प्रदर्शन करेगा। मगर उनका दावा खोखला प्रतीत होता है। लगता है बिना ड्रग लिए वे महज साधारण धावक ही हैं। जापान में हाल ही में हुई स्पर्धा में कार्ल लुईस से उनकी पराजय कम से कम यही जाहिर करती है।