Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Aitihasik Sthan ki Sair – Taj Mahal”, ”ऐतिहासिक स्थान की सैर – ताजमहल” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes
ऐतिहासिक स्थान की सैर – ताजमहल
Aitihasik Sthan ki Sair – Taj Mahal
आगरा नगर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित ताजमहल एक विश्व प्रसिद्ध स्मारक है। अपनी सुंदरता एवं भव्यता के कारण यह विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी प्रिय बेगम मुमताजमहल की स्मृति में बनवाया था।
इसकी वास्तुकला हिन्दू मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला आदर्श है। दुनियाँ के कोने कोने से पर्यटक ताजमहल को देखने के लिए आते हैं। ताजमहल देखकर वे मंत्र मुग्ध रह जाते हैं। यह स्मृति चिह्न हर दृष्टिकोण से कोमल एवं कमनीय है। चाँदनी रात में इसकी सुन्दरता और भी बढ़ जाती है। श्वेत स्फटिक पर बिखरी हुई चाँदनी इसकी छटा को निखार देती है। शरद पूर्णिमा के दिन जब कि चारों ओर दुग्ध धवल चाँदनी प्रकाशित होती है, इसे देखने के लिए मेला लग जाता है। रातभर यहाँ चहल पहल रहती है।
लाल पत्थरों के ऊँचे आधार पर यह भवन बना हुआ है। इसके मुख्य भाग के चारों कोनों पर ऊँची ऊँची चार मीनारें बनी हुई हैं। चारों मीनारों के मध्य इसका विशाल गुम्बद इसकी सुन्दरता को निखारता है। सामने बड़े बड़े घास के मैदान हैं। उनके मध्य से लम्बा सा मार्ग है, जिसमें सुन्दर सुन्दर पेड़ और फव्वारे लगे हुए हैं। फव्वारों का दृश्य इसकी शोभा को मनमोहक बना देता है।
इसके पीछे यमुना नदी बहती है, जिसकी प्राकृतिक छटा भी ताजमहल के सौंदर्य में पर्याप्त वृद्धि करती है। संगमरमर से बना यह विशाल भवन अपने आप से ही सन्दरता में अद्वितीय है। ताजमहल के मुख्य गुम्बद के नीचे दो कजें बनी हुई है। ये कद्रे मुमताजमहल और शाहजहाँ की हैं। पर ये कळे असली नहीं है। ये तो कृत्रिम है। इनके नीचे एक तलघर है, उसमें जाने पर ही असली कब्रे देखी जा सकती है। श्रद्धालु पूरे सम्मान के साथ नीचे जाकर उन्हें देखते हैं। शेष लोग ऊपर की कद्रे देखकर ही सन्तोष कर लेते हैं।
कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मज़दूर काम करते थे। इसके निर्माण में बाईस वर्षों का समय लगा। उस समय के तीन करोड़ रुपए इसके निर्माण पर व्यय किए गए थे। अनुमान कीजिए आज उतने रुपयों का मूल्य कितना होगा?
आज लोग प्रश्न करते हैं कि शाहजहाँ जैसे सम्राट ने ताजमहल बनाने में गरीब जनता का शोषण करके इतना रुपया क्यों नष्ट किया? पर यह मानवीय प्रेम का स्मारक है। संगमरमर में तराशा यह स्वप्न एक शाहंशाह के प्रेम का स्मृति चिह्न है।
इसका उत्तर भी दिया जाता है। समर्थ जनता से कर के रूप में प्राप्त यह रुपया कलाकारों, शिल्पियों एवं मजदूरों पर ही व्यय किया गया। यह धन किसी विदेशी को नहीं दिया गया। देश के गरीब मजदूरों की बाइस वर्ष तक जीविका निर्वाह का यह साधन बना।
ताजमहल की अपूर्व सुन्दरता से कोई इन्कार नहीं कर सकता।। उस समय इस भवन में हीरा पन्ना सोना आदि स्थान-स्थान पर जड़े। गए थे। अंग्रेजों के शासन काल में उनको निकाल लिया गया। वह धन इंग्लैण्ड भेज दिया गया। कहीं कहीं उसकी झलक खाली स्थानों के रूप में अब भी दिखाई दे जाती है।
आजकल ताजमहल की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के नियंत्रण में चलती है। इसमें प्रवेश के लिए टिकट की व्यवस्था है। ताजमहल में प्रवेश की केवल सायं पांच बजे तक ही अनुमति है। रात को प्रवेश वर्जित किया गया था। पर अब रात को भी प्रवेश दिया जाने लगा। है। रात के प्रवेश का टिकट सौ रुपए का रखा गया है। टिकटों की बिकी से प्राप्त धन से इसके परिसर को सुन्दर बनाने के प्रयास किए जारहे हैं। इतनी भव्य इमारत को प्रदूषण से बचाने की आवश्यकता है। इसके लिए इसके चारों ओर घनेवृक्षों को लगाने की योजना पर कार्य चल रहा है। ये वृक्ष समीप के कल कारखानों से निर्गत प्रदूषण का शोषण करके ताजमहल की रक्षा दीर्घकाल तक कर सकेंगे।