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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Meri Maa”, “मेरी माँ” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.

मेरी माँ

Meri Maa

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परिचय-माँ शब्द कितना स्नेह भरा हुआ है। कितनी ममता भरी हुई है। माँ होती है बड़ी स्नेहमयी, ममतामयी। हमारे शास्त्रों में कहा गया है-जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ हैं। जो हमें जन्म देती है। हमें पाल-पोस कर बड़ा करती है। वह हमारी माँ है। बच्चा माँ की स्नेहमयी गोद में तथा ममतापूर्ण आँचल की शीतल छाँव में सबसे अधिक सुरक्षित रहता है।

माँ अथाह कष्ट सहकर शिशु को जन्म देती है, उसका लालन-पालन करती है। बच्चे की प्रसन्नता में ही माता की प्रसन्नता निहित रहती है। बच्चे का खिला चेहरा माता के हृदय में अपार आनंद की सृष्टि करता है। बच्चे की थोड़ी-सी भी उदासी माँ को अत्यधिक बेचैन कर देती है। बच्चे की थोड़ी-सी पीड़ा से माँ तड़प उठती है।

मेरी माँ भी ऐसी ही ममतामयी तथा स्नेहमयी है। वह हम सभी भाई-बहनों का बहुत ध्यान रखती है। वह हमें कोई कष्ट नहीं होने देती। वह कुशल गृहिणी है। वह हम पर कभी क्रोध नहीं करती। मेरी माँ को परिवार के सभी लोग तथा संबंधी सभी बहुत पसंद करते हैं क्योंकि उसका व्यवहार बहुत मृदु है।

उपसंहार-माँ की ममता नि:स्वार्थ होती है। कहा गया है-पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। जो पुत्र माता का अनादर करता है, वह निश्चय ही अभागा है, नीच है, पापी है। हमें सदैव माता का आदर करना चाहिए।

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