Hindi Essay, Paragraph, Speech on “My Home”, “मेरा घर” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
मेरा घर
My Home
प्रत्येक मनुष्य के जीवन की मुख्य रूप से तीन आवश्यकताएँ हैं-रोटी, कपड़ा और मकान। संसार में बहुत से निर्धन तथा भाग्यहीन लोग हैं, जिन्हें रोटी-कपड़ा तक नहीं मिल पाता है। ऐसे लोग मेहनत से रोटी-कपड़े की व्यवस्था तो कर लेते हैं, पर स्थायी आवास की व्यवस्था नहीं कर पाते। भारत में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो खुले आकाश के नीचे रह रहे हैं। बढ़ती जनसंख्या ने इस समस्या को और अधिक विकराल बना दिया है। बहुत से लोगों के लिए घर एक सपना ही बनकर रह जाता है।
मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि उसने मेरे पिता जी को इतना सक्षम बनाया, वे अपने घर की व्यवस्था कर सकें। मेरा घर पर्याप्त रूप से बड़ा है। इसमें चार बड़े कमरे, एक हॉल तथा एक बरामदा है। एक कमरा माता-पिता का एक कमरा दादा-दादी का और एक कमरा हम भाई-बहनों का है। खाली कमरा अतिथियों के लिए रखा गया है। हॉल में हमारा टी.वी., अलमारी, दिनचर्या के सामान, सोफासेट आदि रखे हैं। जहाँ हम सभी बैठकर बातें करते हैं। हमारी रसोई में इतनी जगह है कि हम सब बैठकर भोजन कर लेते हैं। हमने बाहर बरामदे में बहुत से पेड़ लगा रखे हैं।
हमारे घर से स्टेशन, बाजार, स्कूल, बस स्टॉप आदि सभी जगह नजदीक हैं। मेरे घर में प्रकाश तथा पेयजल की अच्छी व्यवस्था है। बड़ी खिड़की से हवा भी खूब आती है। नि:संदेह हमारे घर में आधुनिक घर जैसी सुख-सुविधाएँ हैं। आजकल के समय में घर होना ईश्वर की बड़ी कृपा है। मैं ईश्वर का आभारी हूँ कि मुझे इतना सुंदर घर मिला है जिसमें हम सभी आराम से रहते हैं। साथ ही ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी लोगों को ऐसा घर प्रदान करें।