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Hindi Essay-Paragraph on “Sayam ka Mahatva” “संयम का महत्त्व” 170 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Examination.

संयम का महत्त्व

Sayam ka Mahatva 

संयम मानव-चरित्र का बहुत बड़ा गुण है। उत्तेजित स्थिति में भी बिना क्रुद्ध हुए अपना कार्य संतुलित दृष्टिकोण के साथ करते जाना मनुष्य की महानता का परिचायक है। जो मनुष्य स्वयं को संयमित नहीं रख सकता, जिसका स्वभाव उसकी इच्छा के विरुद्ध परिवर्तित होता रहता है, वह एक निर्बल व्यक्ति है और परीक्षा की घड़ी में भी वह निर्बल सिद्ध होगा। जो मनुष्य स्वयं को संयत नहीं रख सकता, वह उस नाविक के समान है जिसके पास कंपास न हो, हवा उसे जिधर चाहे ले जाए। क्रोध का प्रत्येक झोंका और विचार की प्रत्येक तरंग उसे इधर-से-उधर ले जाती है और उसके लिए अपनी मंजिल पर पहुँचना कठिन हो जाता है। जो मनुष्य अपने मुख और जिह्वा पर संयम रखता है, वह अपनी आत्मा को संतापों से बचाता है। यदि हमारे विचार संयत हैं, हम अपनी मानसिक क्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं तो हम जीवन में किसी भी परिस्थिति का सामना करने में समर्थ हैं। संयम मनुष्य की विपत्तियों से रक्षा करता है। संकट की घड़ी में उचित निर्णय संयत व्यवहार से ही संभव है।

(170 शब्द )

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