Hindi Essay-Paragraph on “Jaisi sangat waisi rangat”, “जैसी संगत, वैसी रंगत” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
जैसी संगत, वैसी रंगत
Jaisi sangat waisi rangat
संगति का जीवन में बड़ा महत्त्व है। मनुष्य जैसी संगति करता है-उससे वह अवश्य प्रभावित होता है। स्वाति की एक बूंद भिन्न-भिन्न संगति पाकर उसके अनुरूप परिवर्तित हो जाती है। केले का संपर्क प्राप्त कर वह कपूर, सीपी की संगति प्राप्त कर वह मोती तथा साँप के मुँह में पड़कर वह विष बन जाती है। बुद्धिमानों की संगति करने पर मनुष्य बुद्धिमान हो जाता है। मनुष्य यदि ऐसे व्यक्ति के साथ रहता है जो लंगडाता है तो वह स्वयं भी लंगड़ाना सीख जाएगा। एक जर्मन लोकोक्ति है कि जब फाख्ता का कौओं से संयोग होता है तो उसके पर श्वेत रह जाते हैं, किंतु हृदय काला हो जाता है। काजल की कोठरी में जाकर मनुष्य उससे अछूता नहीं रह सकता। मनुष्य की संगति से उसके चरित्र का परिचय मिलता है। कुसंगति जहाँ मनुष्य को पतन की ओर ले जाती है, सत्संगति बुद्धि की जड़ता नष्ट करती है, वाणी को सत्य से सींचती है, मान बढ़ाती है पाप मिटाती है तथा चित्त को प्रसन्नता प्रदान करती है।
( कुल शब्द – 200 )