Hindi Essay-Paragraph on “Apni Karni Paar Utarni”, “अपनी करनी पार उतरनी” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
अपनी करनी पार उतरनी
Apni Karni Paar Utarni
मनुष्य-जीवन में उसके कर्मों का बड़ा महत्त्व है। मनुष्य की गति उसके कर्मों के अनुसार होती है। जो जैसा बोता है, वैसा ही काटता है। गीता के अनुसार जो मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसका उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है। बबूल का वृक्ष बो कर यदि कोई व्यक्ति इस बात की प्रतीक्षा करे कि उस पर आम के फल लगेंगे तो यह उसकी नितांत मूर्खता होगी। यदि कोई मनुष्य जीवन-भर पापमय कर्मों में डूबा रहता है, तो उसे जीवन में सुख-प्राप्ति की आशा नहीं करनी चाहिए। संसार में हम आज जो विषमता देखते हैं, कोई निर्धन है तो कोई धनी, कोई रोगी है तो कोई नीरोग, इसका कारण मनुष्य के अपने कर्म हैं। मनुष्य को फल उसके शुभाशुभ कर्मों के अनुसार ही मिलता है। कर्म का भारतीय संस्कृति में बड़ा महत्त्व है। मनुष्य को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा इसी सिद्धांत के कारण मिलती है कि अच्छे कर्मों का अच्छा परिणाम होगा। बुराइयों से बचने के पीछे भी यही सिद्धांत प्रेरक-शक्ति है। प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण की आवश्यकता नहीं रह जाती। कोई मनुष्य अपने पैर में कुल्हाड़ी मारकर जख्मी हुए बिना नहीं रह सकता।
( कुल शब्द – 200 )