Hindi Essay-Paragraph on “Ahinsak Kayar aur Veer?” “अहिंसक कायर और वीर?” 190 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Examination.
अहिंसक कायर और वीर?
Ahinsak Kayar aur Veer?
प्रेम की पराकाष्ठा ही अहिंसा है। अहिंसा वास्तव में वह प्रवत्ति है कि हम जो उचित तथा न्यायसंगत समझते हैं उसे निर्भय होकर करते जाएँ। अहिंसक वीर अन्याय और अनीति के सामने सिर नहीं झकाता। अत्याचार और अन्याय का मुकाबला वह सहिष्णुता और नैतिक बल से करता है। अत्याचारी और अन्यायी से बदला लेने की भावना उसके मन में कभी नहीं उपजती। अहिंसक वीर हानि पहुँचाने की सामर्थ्य रखते हुए भी किसी को हानि नहीं पहुंचाता। वह परपीड़ा को स्वयं की पीड़ा समझता है। उसे जो कष्ट देता है उसके लिए भी उसका हृदय प्रेम से छलछला उठता है। रक्षक की शक्ति भक्षक की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। अहिंसा में भय के लिए कोई स्थान नहीं है। अहिंसक वीर शस्त्र से, दमन चक्र से, यहाँ तक कि मृत्यु से भयभीत नहीं होता। सशस्त्र वीर का दमन आसानी से किया जा सकता है किंतु अहिंसक वीर की आत्मा को कोई भी शक्ति पराजित नहीं कर सकती। अहिंसक को कायर समझने वाला अपनी मूर्खता का परिचय देता है। अहिंसक वीर की शक्ति असीम होती है। उसे संसार की कोई शक्ति चुनौती नहीं दे सकती।
(190 शब्द )