Hindi Essay-Paragraph on “साधना के बिना सिद्धि कहाँ”, “Sadhana ke bina sidhi kaha” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
साधना के बिना सिद्धि कहाँ
जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए साधना बहुत आवश्यक है। परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं, इच्छा मात्र से नहीं। पशु सोते हुए सिंह के मुँह में प्रवेश नहीं करते। यदि कोई व्यक्ति संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे निरंतर स्वर-साधना करनी पडेगी, कोई व्यक्ति विद्वान बनने का इच्छुक है। तो उसे स्वाध्याय तथा चिंतन-मनन की साधना करनी पड़ेगी। शारीरिक दृष्टि से हष्ट-पुष्ट बनने के लिए नित्य व्यायाम की साधना करनी पड़ेगी। धन-संग्रह के लिए भी एक विशेष दिशा में साधना आवश्यक है। हम नित्यप्रति जीवन में साधना के महत्त्व को देखते हैं। किसान फसल प्राप्त करने के लिए कितनी साधना करता है। निरंतर कठोर परिश्रम करने वाला विद्यार्थी निश्चित रूप से परीक्षा में सफलता प्राप्त करता है। कर्म की साधना के बिना संसार में कुछ भी संभव नहीं है। प्रकृति भी निरंतर साधना-रत रहती है। सूर्य प्रात: से सायं तक साधना-रत रहकर सारे संसार को प्रकाशित करता है। संसार में जितने भी संपन्न देश हैं उन सब ने परिश्रम की साधना से ही उन्नति की है। साधना-रत प्राणी के लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं है। सिद्धि प्राप्ति हेतु साधना नितांत आवश्यक है जैसे रोगों के निवारण के लिए औषध।
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